UPPSC Protest: प्रयागराज में यूपी पुलिस का बल प्रयोग, छात्रों से खाली कराई जा रही सड़क, रस्साकशी जारी
UPPSC Protest: प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस हटा रही है. छात्रों को जबरन हटाकर आयोग के बाहर की सड़कों को खाली कराया जा रहा है.
UPPSC Protest: यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस हटा रही है. छात्रों को जबरन हटाकर आयोग के बाहर की सड़कों को खाली कराया जा रहा है. बड़ी संख्या में पुलिस और PAC के जवान आयोग के दफ्तर के बाहर पहुंचे हैं
सड़कों पर आंदोलन कर रहे छात्रों को जबरन हटाया जा रहा है हालांकि छात्र हटाने को तैयार नहीं है और वह लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस में झड़प हो रही है. छात्रों के आंदोलन का आज चौथा दिन है. आज ही सपा मुखिया अखिलेश यादव को प्रयागराज आना है
प्रदर्शनकारी छात्रों को जबरन हटा रही पुलिस का कहना है कि उन्हें सड़क खाली करना चाहिए , अगर अनशन करना है तो निर्धारित धरना स्थल पर ही अनशन किया जाए छात्रों को हटाने के दौरान पुलिस कतई लाठी का प्रयोग नहीं कर रही है. छात्रों और पुलिस के बीच रस्साकशी चल रही है.
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छात्रों के बीच घुसकर तोड़फोड़ करने के आरोपी उपद्रवियों को जेल भेजा गया
उधर, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच घुसकर तोड़फोड़ करने के आरोपी दो उपद्रवियों को पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया. सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सिविल लाइंस श्यामजीत सिंह ने बताया कि सिविल लाइंस थाना में लोक सेवा आयोग चौकी प्रभारी कृष्ण मुरारी की तहरीर पर मंगलवार को अभिषेक शुक्ला, राघवेंद्र यादव और 10 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और अभिषेक व राघवेंद्र को गिरफ्तार किया गया था.
उन्होंने बताया कि बुधवार को अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र यादव को जेल भेज दिया गया. चौकी प्रभारी कृष्ण मुरारी ने थाना में शिकायत की थी कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दरोगा रुपेश कुमार और कांस्टेबल रिंकू के साथ मंगलवार को गश्त पर थे. इसी दौरान, देखा गया कि आयोग के गेट नंबर दो के पास नगर निगम द्वारा प्रचार के लिए लगाई गई होर्डिंग और बैरियर को कुछ लोग तोड़ रहे हैं.
एसीपी सिविल लाइंस ने बताया कि तोड़फोड़ की घटना के वीडियो से उपद्रवी अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र यादव की पहचान हुई. ये स्वयं को छात्र नेता बताते हैं. इनके साथ कई अन्य युवक भी थे. राघवेंद्र के खिलाफ पहले से पुलिस रिकॉर्ड में 18 मुकदमे दर्ज हैं.