अलीगढ़: UPPSC का रिजल्ट कल घोषित हुआ है. मथुरा के विशाल सारस्वत ने इसमें टॉप किया है. अलीगढ़ के ही करीब 7 छात्र-छात्राओं ने भी पीसीएस में सिलेक्ट होकर अलीगढ़ का गौरव बढ़ाया है. इसमें से करीब 5 छात्र-छात्राएं शहर के मालवीय पुस्तकालय के अंदर सिविल सर्विसेज की तैयारी कराई जाने वाली कोचिंग में पढ़ते थे. मदन मोहन मालवीय पुस्तकालय के साइड में एक हॉल है जिसके अंदर पीसीएस और यूपीएससी की तैयारी छात्र-छात्राओं को कराई जाती है. इसकी नींव तत्कालीन एसडीएम पंकज कुमार वर्मा के जरिए रखी गई थी और वो खुद भी यहां पर क्लासेज लेने आते थे.


यहां पर काफी तादाद में छात्र-छात्राएं सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हैं. संयोजक रिंकू सहयोगी की तरफ से छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. इस कोचिंग का नाम सिविल सर्विसेज मार्गदर्शिका रखा गया है, जिसमें से हर वर्ष लगभग 4 से 5 छात्र-छात्राएं पीसीएस में सिलेक्ट होते हैं. पीसीएस के अलावा इस कोचिंग से पढ़ने वाले करीब 300 से ज्यादा छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रकार के पदों पर नियुक्त हो चुके हैं. इस कोचिंग में पढ़ने वाले 2 छात्रों जिनका पीसीएस में सिलेक्शन हुआ है उनके नाम हेमंत चौधरी और नंदन शर्मा हैं. दोनों से एबीपी गंगा की टीम ने बात की है.


प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई
अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले हेमंत चौधरी की 68वीं रैंक यूपीपीसीएस में आई है. वो नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुए हैं. हेमंत ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से हुई. अलीगढ़ शहर में आकर उन्होंने B.Ed किया और एमए वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज से किया था. 2017 के बाद सिविल सेवा मार्गदर्शिका में कोचिंग की.


हेमंत का कहना है कि वो सिविल सेवा में जाना चाहते थे. रास्ते में काफी समस्याएं आईं लेकिन मंजिल एक थी. एक बार तो हालत ऐसे थे कि B.Ed की फीस के लिए पिताजी को कर्ज मांगना मांगना पड़ा था. समस्याएं आईं और चली गईं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या आत्मविश्वास की कमी है. इस कोचिंग सेंटर ने बहुत कुछ सिखाया, इसके बाद से यहां से लगातार बच्चे निकल रहे हैं.


हेमंत ने कहा कि मन लगाकर प्रयास करने से सफलता जरूर मिलेगी. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है. खुद सहायक अध्यापक के पद पर गंगीरी कस्बे में तैनात हैं. हेमंत के पिता जगदीश सिंह किसान हैं. मां मीरा देवी ग्रहणी हैं. हेमंत की शादी पिछले वर्ष ही स्मिता चौधरी से हुई है. पीसीएस में सिलेक्शन होने के बाद हेमंत काफी खुश हैं.


मेहनत करेंगे तो सफलता मिलेगी 
हेमंत चौधरी के साथ-साथ अलीगढ़ के इग्लास कस्बे के रहने वाले नंदन शर्मा का भी पीसीएस में सिलेक्शन हुआ है. नंदन शर्मा ने बताया कि उन्होंने 12वीं शिवदान सिंह कॉलेज से की है. समस्या इंग्लिश मीडियम में आई थी, उसके बाद ग्रेजुएशन में काफी समस्या रही. पहली बार घर से बाहर निकलना हुआ. जैसे तैसे ग्रेजुएशन पूरा किया उसके बाद ग्रामीण माहौल से निकलकर नहीं पता था कि क्या करना चाहिए. लेकिन एएमयू अपने आप में एक ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय है, वहां का एंट्रेंस दिया और 2011 सिलेक्शन हो गया. वहां पर डॉक्यूमेंट पूरे नहीं हो पाए थे इसलिए कोटा जाकर मेडिकल की तैयारी की.


AMU में 2012 में दोबारा सिलेक्शन हुआ, वहां से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. 2017 में नेट क्वालीफाई किया. 2018 में असिस्टेंट प्लांट प्रोडक्शन ऑफिसर में सिलेक्शन हुआ. 2015 के बाद से सिविल सर्विस में लगा हुआ हूं. 2017 में आईएएस इंटरव्यू तक पहुंचा. यह तीसरा अटेम्प्ट था. पिता किसान हैं. आर्थिक परेशानी थी लेकिन फिर घरवालों ने हर चीज उपलब्ध कराइ. नए छात्रों के लिए कहना चाहूंगा कि आप पूरी क्षमता के साथ मेहनत करिए, परिणाम निश्चित मिलेगा. यदि आप मन से मेहनत करेंगे कोई बाधा आपको रोक नहीं सकती. सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है.


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