(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हंगामे के बीच DGP का बड़ा फैसला, नहीं लेंगे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से मानद उपाधि
पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है। हालांकि, यूपी के डीजीपी को समारोह में मानद उपाधि दिए जाने का विरोध किया जा रहा है। इस बीच डीडीपी ने उपाधि लेने से इनकार कर दिया है।
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह पांच सितंबर यानी आज शिक्षक दिवस के दिन हो रहा है। 22 साल बाद यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह हो रहा है। इसे लेकर विरोध भी किया जा रहा है। विरोध इस बात की, यूपी के डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि क्यों दी जा रही है। हालांकि, इस विरोध के बीच डीजीपी ने उपाधि लेने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि दीक्षांत समारोह में नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी इस चीफ गेस्ट होंगे। इस दौरान यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को मानद उपाधि दी जानी है। हालांकि ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद उन्होंने उपाधि लेने से मना कर दिया है।
यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने का विरोध कर रहे थे। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि किसी सूबे के डीजीपी को मानद उपाधि देना सेंट्रल यूनिवर्सिटी की गरिमा के खिलाफ है। दीक्षांत समारोह के दौरान हंगामा होने की आशंका भी जताई जा रही है।
बतादें कि 22 साल पहले हुए दीक्षांत समारोह में नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड आरनार्ड और भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को मानद उपाधियां दी गई थीं। सीनेट हॉल में होने वाले इस दीक्षांत समारोह में 124 होनहार छात्रों को मेडल से सम्मानित किया जाएगा। इस समारोह में सिर्फ मेडल व पीएचडी की डिग्री पाने वाले छात्रों को ही जाने की अनुमति होगी।