लखनऊ, भाषा। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने रामपुर से अपने सांसद आजम खां पर फर्जी मुकदमे कायम करने और उनके कथित उत्पीड़न को लेकर जमकर हंगामा किया। इस पर सभापति ने पहले पौन घंटे और फिर बाद में पूरे दिन के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही सुबह ग्यारह बजे रमेश यादव के सभापतित्व में शुरू हुई और प्रश्नकाल प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने खां पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें कथित रूप से भू-माफिया कहने के मामले में सदन में अपनी आपत्ति दर्ज कराने की मांग की और मामले की जांच के लिये सदन की एक सर्वदलीय समिति बनाने को कहा।
हसन ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर 21 सदस्यीय समिति बनाई थी, यह समिति आज जाकर मामले की जांच करती लेकिन इससे पहले ही सरकार खां पर दर्जनों फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिये और उन्हें भूमाफिया घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि खां पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश विधानसभा के सदस्य और सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह अब सांसद भी हैं। इतने बड़े नेता के साथ सरकार ऐसी हरकत राजनीतिक द्वेषवश कर रही है। इतना ही नहीं पार्टी के अनेक कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसी तरह दर्जनों फर्जी मुकदमे कायम कराये जा रहे हैं।
सपा सदस्यों ने सोनभद्र में हुई हिंसा का मुददा भी उठाया ।
इस पर नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सर्वदलीय समिति की अभी कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सपा अध्यक्ष ने जिस कमेटी का गठन किया है अभी उसने ही जांच नहीं की है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीति सभी के साथ समान व्यवहार करने की है। सरकार किसी के खिलाफ विद्वेष की भावना से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण में परीक्षण के बाद ही कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे मिथ्या हैं और सरकार की नीति और नीयत से उनका कोई लेना देना नहीं है।
नेता सदन के इस बयान पर सपा के सभी सदस्य खां के पक्ष में तथा सरकार विरोधी नारे लगाते हुये सदन में सभापति के आसन के समक्ष आ गये। ये सदस्य प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे तथा कानून व्यवस्था के मुददे को भी बार बार उठा रहे थे।
सभापति यादव के बार-बार समझाने पर भी सदस्य शांत नहीं हुये जिस पर सभापति ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही दोबारा प्रारम्भ होते ही हसन ने खां का मामला दोबारा उठाया। इस मामले पर नेता सदन के बोलते ही सपा के सभी सदस्य एक बार फिर वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
इस बीच सभापति यादव ने पांच फरवरी को विधान मण्डल के एक साथ दोनों सदनों के समक्ष राज्यपाल के अभिभाषण के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुये उप्र विधान परिषद द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के संबंध में राज्यपाल के पत्र को पढ़ कर सुनाया। इसके बाद भारी शोर-शराबे के बीच नेता सदन ने कार्यसूची की शेष मदों को प्रस्तुत किया।
सभापति यादव ने सभी याचिकाओं को याचिका समिति को संदर्भित करते हुये कहा कि आज के सभी प्रश्न उत्तरित माने जायेगे। बाद में सभापति यादव ने सदन की बैठक को सोमवार तक के लिये स्थगित कर दी ।
बाद में संवाददाताओं से बात करते हुये नेता सदन और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि जिनके बारे में विपक्ष बात कर रहा है, वे सदन के सदस्य ही नहीं हैं तथा जिस सदन के वे सदस्य हैं, वहां पर प्रकरण को उठाया जा सकता है।
उन्होंने विपक्ष के इस प्रकरण पर समिति बनाने की मांग पर कहा कि विधिक पहलुओं पर कोई कमेटी राय नहीं दे सकती है। हर प्रकरण में कमेटी बनाना संभव नहीं है। ऐसा होगा तो फिर किसी के खिलाफ कभी भी कार्रवाई नहीं हो सकेगी।