UPSC लेटरेल एंट्री से पुरानी 57 भर्तियां भी होंगी रद्द! इस मांग ने बढ़ाई मोदी सरकार की मुश्किल
केंद्र सरकार ने बीते कुछ सालों में 63 भर्तियां UPSC Lateral Entry के जरिए की हैं. इसमें से 57 अभी कार्यरत हैं. इस बीच नई मा्ंग ने केंद्र की मुश्किल बढ़ा दी है.
Lateral Entry News: UPSC के जरिए लेटरल एंट्री के माध्यम से होने वाली भर्तियों को लेकर विपक्ष के विरोध और एकजुटता के कारण सरकार बैकफुट पर आ गई. सरकार ने 45 नई लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की. इसके बाद UPSC ने भर्ती रद्द कर दी है. समाजवादी पार्टी ने इस भर्ती को गलत बताते हुए इसको खत्म करने की बात कही थी और खत्म न होने की दशा में दो अक्टूबर से बड़े स्तर पर आंदोलन करने की भी बात कही थी .आज के सरकार के फैसले के बाद सपा ने इसको PDA की जीत बताया है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका ने एबीपी लिए से बातचीत में कहा कि जिस दिन से लेटरल एंट्री की भर्ती की बात निकली , तब से इसका विरोध समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने किया. उन्होंने कहा इस मध्यम से जो भर्ती हो रही है वो किसी योग्य आदमी की नहीं हो रही है, बल्कि बीजेपी के और भारतीय जनता पार्टी के और संघ के निष्ठावान लोगों की कराई जा रही. वहीं इसमें आरक्षण के प्रावधान का कहीं कोई पालन नहीं किया गया है.
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पुरानी भर्तियां भी करें रद्द- सपा
काका ने कहा कि यहां जो भर्ती हो रही थी उसमें आरक्षण के किसी नियम का पालन नहीं किया गया . जबकि हमारे संविधान के अनुच्छेद 16 (क) में यह कहा गया है कि सरकारी नियोजन में अवसर की समता होनी चाहिए. सरकार अगर कोई भी भर्ती करती है तो उसमें आरक्षण के नियमों का पालन किया जाना चाहिए , पर वो यहां नहीं हो रहा था. सपा इसी को लेकर 2 अक्टूबर से आंदोलन करने वाली थी, पर अब ये भर्ती रद्द होने के बाद हम फिलहाल अपने इस आंदोलन को वापस लेते हैं लेकिन हमारी विचारधारा अभी भी है कि वंचित तबके के साथ हम अन्याय नहीं होने देंगे.
मनोज काका ने पिछले समय में हुई 57 लेटरल एंट्री को लेकर कहा कि उस समय जो हुआ उसमें भी हमारे नवजवानों के प्रतिभाओं के साथ कुठाराघात हुआ है. सरकार बताए कि उन 57 में कितने दलित है, कितने पिछड़े हैं , कितने मुसलमान हैं, कितने आदिवासी हैं , और अगर नहीं है और आरक्षण के प्रावधानों का पालन नहीं हुआ है तो उन 57 लोगों को भी हटाया जाए. उन्होंने कहा कि वो लेटरल एंट्री का पुरजोर विरोध करते हैं.