UP News: यूपी के हापुड़ (Hapur) में रोडवेज बसों (Roadways Buses) की हालत बहुत खस्ता है. हापुड़ डिपो की खटारा बसें कब और कहां धोखा दे जाएं कहा नहीं जा सकता. किसी बस के टायर घिस चुके हैं. किसी बस में शीशा गायब है. रोडवेज की बसों में मेडिकल किट और आग से बचाव के उपकरण भी नदारद हैं. यात्री से लेकर ड्राइवर की सीटों तक का बुरा हाल है. सड़कों पर सरपट दौड़ रही रोडवेज की बसों से यात्री रोजाना जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं. डिपो प्रबंधन पर बसों को मरम्मत करने के निर्देश का उल्लंघन करने का आरोप है. 


जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर यात्री


डिपो में खटारा बसों की जांच करने गए अधिकारियों को सबकुछ सही मिलता है. रोडवेज की बसों से यात्रा करनेवाले यात्रियों का पूछे जाने पर दर्द छलका. उन्होंने कहा कि डिपो में बस का देर तक इंतजार करना पड़ता है. हापुड़ से मोदीनगर के लिए सुबह में बस नहीं मिलती है. बस नहीं मिलने की सूरत में ऑटो से महंगा किराया देकर सफर करना पड़ता है.


रोडवेज की खटारा बसों पर डिपो के एआरएम बोले


हापुड़ के एआरएम संदीप सिंह ने रोडवेज की बसों को सही बताया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तक बसों की स्थिति ठीक नहीं थी. वर्तमान में डिपो से 24 बसों का संचालन रोककर नीलाम करने का प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने बताया कि 10 साल पुरानी बसों की संख्या ज्यादा हो गई थी. एआरएम संदीप सिंह के मुताबिक वर्तमान में डिपो को रोडवेज की 20 नई बसों के मिलने से स्थिति बेहतर हो गई है. 10 साल पुरानी बसों को सड़क से हटाने की प्रक्रिया जारी है. पुरानी बसें वर्कशॉप से रिपेयर होने के बाद सड़क पर दौड़ती हैं. उन्होंने बसों में शीशे के नदारद होने पर यात्रियों को दोष दिया.


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