UP Technical Assistant Exam: UPSSSC की इस परीक्षा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, जानें – क्या है मामला
UPSSSC Exam Challenged In High Court: यूपीएसएसएससी की इस भर्ती परीक्षा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जानिए क्या है इसके पीछे का पूरा मामला.
UPSSSC Group C Technical Assistant Exam Challenged In Allahabad High Court: उत्तर प्रदेश सबऑर्डिनेट सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड (UPSSSC) और राज्य सरकार (UP Government) से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक भर्ती परीक्षा को लेकर जवाब मांगा है. ये परीक्षा है एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट (Agriculture Department) की ग्रुप सी टेक्निकल असिस्टेंट एग्जाम (UPSSSC Group C Technical Exam 2022). इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से कुल 2059 पदों (UP Government Job) को भरा जाना है. हालांकि अब इस परीक्षा के तहत होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है.
किसने दायर की याचिका –
ये याचिका शांस तिवारी व अन्य 11 लोगों ने दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए और एडवोकेट प्रशांत मिश्रा और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस संगीता चंद्रा ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से जवाब मांगा है.
क्या है मामला –
इस परीक्षा के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि 08 अगस्त 2018 को कमीशन ने एक नोटिस निकाला और इन पदो की अर्हता के संबंध में ये कहा कि बीएससी एग्रीकल्चर और समकक्ष डिग्री रखने वाले इस परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते हैं. जबकि उत्तर प्रदेश सबऑर्डिनेट एग्रीकल्चर सर्विसेस रूल्स 1993 के मुताबिक इसमें समकक्ष डिग्री जैसा कोई नियम नहीं है.
क्या कहना है राज्य सरकार के अधिवक्ता का –
इस मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि इस परीक्षा कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. याचिका देर से दायर हुई है. इसके साथ ही इसमें 08 अगस्त 2018 के शासनादेश को चुनौती नहीं दी गई है. हालांकि कोर्ट ने कहा है कि अंतिम फैसला याचिकाकर्ताओं के केस के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा.
क्या कहना है कोर्ट का –
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने नियमों में बदलाव किए बिना नोटिफिकेशन के जरिए भर्ती नियमों को बदलने की कोशिश की है. साथ ही कोर्ट द्वारा आयोग और राज्य सरकार को आठ हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है. यही नहीं याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन कर जनादेश को चुनौती देने की छूट भी कोर्ट द्वारा दी गई है.
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