लखनऊ: यूपी टीईटी (उत्तर प्रदेश शैक्षिक पात्रता परीक्षा) का प्रमाणपत्र अब आजीवन मान्य होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमाणपत्र की सिर्फ 5 साल तक की मान्यता की व्यवस्था को बदल दिया है. मुख्यमंत्री ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. जल्द इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. मुख्यमंत्री के इस फैसले को पंचायत चुनाव में शिक्षकों की नाराजगी दूर करने और आगामी विधानसभा चुनाव में शिक्षकों को अपने पक्ष में करने की नज़र से देखा जा रहा है.


उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी और जूनियर कक्षाओं (1 से 8 तक) में पढ़ाने के लिए यूपी टीईटी परीक्षा पास करनी होती है. यह परीक्षा राज्य सरकार हर साल आयोजित कराती है. परीक्षा का प्रमाणपत्र 5 साल तक मान्य होता है. अगर परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को इस अवधि तक नौकरी नहीं मिलती तो उसे दोबारा परीक्षा देनी होती है. योगी सरकार ने इस व्यवस्था को बदलते हुए अब यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य कर दिया है. यानि, अभ्यर्थी एक बार परीक्षा पास कर लेंगे तो उन्हें 5 साल बाद दोबारा वही एग्जाम नहीं देना होगा.


पंचायत चुनाव के बाद सरकार से नाराज थे शिक्षक


प्रदेश में लाखों की संख्या में टीईटी अभ्यर्थी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फैसला उन सबके लिए बड़ी राहत देने वाला है. टीईटी की मान्यता आजीवन रहने से अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा और आवेदन शुल्क नहीं देना होगा. हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी. ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से कई शिक्षकों की मौत हो गई थी. इन मौतों के चलते शिक्षकों में सरकार के लिए खासी नाराजगी थी. ये माना जा रहा था कि सरकार की तरफ से शिक्षकों के लिए कोई राहत दी जा सकती है. मुख्यमंत्री का फैसला उसी की एक कड़ी माना जा रहा है.


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