लखनऊ, एबीपी गंगा। Loksabha election 2019, एबीपी गंगा पर चुनावी यादों का सफर जारी है। आज के दौर में जब चुनाव प्रचार पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन एक ऐसा भी दौर था जब दो पहिया वाहन पर भी चुनाव प्रचार हुआ करता था। सियासत के अतीत से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं।


दो पहिया वाहन पर वीपी सिंह का चुनाव प्रचार


ये किस्सा 1988 के इलाहाबाद लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव से जुड़ा है। जब विश्व प्रताप (वीपी) सिंह ने दो पहिया वाहन पर बैठकर चुनाव प्रचार किया था। उनके चुनाव प्रचार करने के तरीके ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी। वीपी सिंह उपचुनाव के दौरान कभी बाइक, कभी स्कूटर तो कभी साइकिल पर चुनाव प्रचार करने निकल पड़ते थे। पूरे देश की मीडिया इसे कवर करने आई थी। सबसे दिलचस्प बात तो यह थी कि मीडिया वाले लग्जरी गाड़ियों में होते थे और वीपी सिंह दो पहिया वाहन पर। चार पहिया वाहनों में मीडिया वालों का काफिला दो पहिया वाहनों के पीछे-पीछे चलता था।


साल 1988 में कांग्रेस सासंद (बॉलीवुड अभिनेता) अमिताभ बच्चन ने बोफोर्स तोप सौदा घोटाले में अपना नाम उछलने के बाद  यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे राजनीति के लिए फिट नहीं हैं। उसके बाद उन्होंने कांग्रेस और पॉलिटिक्स दोनों को अलविदा कह दिया। जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ था। उनके खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री को खड़ा किया था। लाल बहादुर शास्त्री इसी सीट से विजयी हुआ करते थे। उपचुनाव में वीपी सिंह ने सुनील शास्त्री को बड़े मतों से हराया। निर्दलीय वीपी सिंह को 2 लाख 2 हजार वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सुनील शास्त्री को मात्र 92 हजार वोट मिले।