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कश्मीर पर इमरान को अमेरिका का भी साथ नहीं, मध्यस्थता से ट्रंप का यू-टर्न; बताया द्विपक्षीय मसला
कश्मीर पर मध्यस्थता से अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ इनकार करते हुए इसे द्विपक्षीय मसला बताया है। ट्रंप के इस रुख के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और झटका लगा है।
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वॉशिंगटन, नई दिल्ली/एजेंसी। कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप द्वारा मध्यस्थता की बात करने के बाद गदगद हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब अमेरिका से भी झटका लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव अब विचाराधीन नहीं है। ये बात एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कही है। अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने सोमवार को कहा है कि अमेरिका की कश्मीर पर दशकों पुरानी नीति रही है कि वह मध्स्थता नहीं करेगा, बल्कि द्विपक्षीय स्तर पर मामले को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान को प्रोस्ताहित करेगा।
श्रृंगला ने फॉक्स न्यूज से बातचीत के दौरान कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने बहुत स्पष्ट कहा था कि जम्मू-कश्मीर पर मध्यस्थता का उनका प्रस्ताव इस बात पर निर्भर करता है कि भारत और पाकिस्तान इसे स्वीकार करते हैं या नहीं। चूंकि भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि अब यह प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’
तीसरे पक्ष से नहीं सुलझाया जा सकता है कश्मीर मसला
भारतीय राजदूत ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी इस मामले में स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान को शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर सुलझाना चाहिए।’ श्रृंगला ने कहा, ‘इसलिए यह ऐसा मुद्दा है जो तीसरे पक्ष की मदद से नहीं सुलझाया जा सकता है। मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे स्पष्ट कर दिया है।’
22 जुलाई को ट्रंप ने मध्यस्थता वाला बयान दिया था
गौरतलब है कि 22 जुलाई को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को यह कहकर चौंका दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने के लिए कहा था। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया था कि ऐसा कोई प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नहीं दिया और सभी मुद्दे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय आधार पर सुलझाए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार की ओर से उठाए गए पाबंदियों जैसे कदम अस्थायी और एहतियाती हैं। श्रृंगला ने कहा, ‘जब फैसले की घोषणा की गई, तो सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों की आशंका थी। हम जानते हैं कि हिंसा के लिए उकसाया जाएगा, इसलिए हमनें केवल एहतियाती कदम उठाए। यहां तक की हम बात कर रहे हैं, तब कश्मीर में लागू प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग ईद मनाने के लिए घरों से निकले भी। उन्होंने मस्जिदों में जाकर प्रार्थना भी की। दुकानें खुली हुई हैं। कुछ शहरों में तो ट्रैफिक जाम की स्थिति है। हम प्रतिबंधों को हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं।’
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