सदी के महानायक से मिली प्रेरणा ने पहले KBC में दिलाए 25 लाख रूपये, अब पूरा हुआ टीचर बनने का सपना
टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख रुपये जीतने वाली ऊषा यादवा का टीचर बनने का सपना पूरा हो गया है. इस कामयाबी के लिए ऊषा अमिताभ बच्चन से मिली प्रेरणा और उनके द्वारा दी गई नसीहतों का भी अहम योगदान मानती हैं.
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में पिछले साल पचीस लाख रूपये जीतकर सुर्खियों में आईं प्रयागराज की ऊषा यादव अब प्राइमरी स्कूल की टीचर बन गईं हैं। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार टीचर्स की भर्ती परीक्षा में ऊषा यादव को भी अच्छे नंबरों के साथ कामयाबी मिली है।
शादी के आठ साल बाद सरकारी नौकरी पाने वाली ऊषा का कहना है कि केबीसी के सेट पर इलाहाबादी अमिताभ बच्चन ने जिस तरह के अपनेपन का एहसास कराते हुए उनका हौसला बढ़ाया था, उसी की बदौलत वह न सिर्फ पचीस लाख रूपये जीत सकीं थीं, बल्कि उनसे मिली प्रेरणा से की गई तैयारी के चलते ही उन्हें अब टीचर बनकर बच्चों को पढ़ाने का मौका मिल पाया है.
दो साल की बच्ची की मां ऊषा शुरू से ही टीचर बनना चाहती थीं. अपने इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की थी. साल 2012 में शादी के बंधन में बंधने के बाद ससुराल में पति और दूसरे लोगों ने हमेशा उनकी हौसला अफजाई की थी, लेकिन बाद में उनकी प्राथमिकता बदल गई और नौकरी की तैयारी के बजाय वह घर गृहस्थी और बेटी पर ज्यादा वक्त देने लगीं.
बहरहाल देर से ही सही, पर बरसों पुराना सपना पूरा होने से ऊषा यादव बेहद खुश हैं. वह इस कामयाबी के पीछे अपनी मेहनत और परिवार से मिले सहयोग को बड़ी वजह तो बताती ही हैं, लेकिन साथ ही उनके अपने ही जिले प्रयागराज में जन्मे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से मिली प्रेरणा और उनके द्वारा दी गई नसीहतों का भी अहम योगदान मानती हैं.
ऊषा यादव प्रयागराज शहर से तकरीबन साठ किलोमीटर मेजा इलाके के उरुवा कसबे के पास रहती हैं. तकरीबन 32 साल की ऊषा ने पढ़ाई के दौरान ही टीचिंग को कैरियर बनाने और शिक्षक बनकर गरीब बच्चों को भारत के भविष्य के तौर पर तैयार करने का सपना पाल लिया था. सपना हकीकत में बदलने से पहले ही घर वालों ने उनके हाथ पीले कर दिए. साल 2012 में शादी के बाद ससुराल वालों ने उन्हें तैयारी करने की पूरी छूट दी, लेकिन ज्यादा समय नहीं निकाल पाने की वजह से कामयाबी नहीं मिल पाई थी. दो साल पहले बेटी के जन्म के बाद तैयारियों के लिए वक्त निकालना और भी मुश्किल हो गया.
पिछले साल केबीसी का रजिस्ट्रेशन शुरू होने पर पति की सलाह पर उन्होंने भी आवेदन किया. कई राउंड के बाद उन्हें मौका मिल गया. केबीसी में सेलेक्ट होने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई व तैयारी और तेज कर दी थी. आखिरकार वह हॉट सीट तक पहुंचीं और 13 सवालों के सही जवाब देकर पचीस लाख रूपये जीतने में भी कामयाब रहीं.
ऊषा की बेबाकी व सादगी के साथ ही हमशहर होने के नाते शो के होस्ट अमिताभ बच्चन उनसे काफी प्रभावित हुए. वह पूरे खेल के दौरान उनकी हौसला अफजाई करते रहे. ऊषा ने टीचर बनने के अपने सपने के बारे में भी उनसे बात की तो बिग बी ने उन्हें काफी प्रेरित किया और सपने को पूरा करने के लिए पूरी ताकत के साथ नये सिरे से तैयारी करने की नसीहत दी.
महानायक की यह नसीहत ऊषा के काफी काम आई और अब वह टीचर बनने जा रही हैं. रिजल्ट जारी हो चुका है और उनके खाते में अच्छे नंबर होने की वजह से सिर्फ औपचारिकताएं ही बची हुई हैं. ऊषा अपनी इस कामयाबी पर फूली नहीं समा रही हैं, लेकिन इसके लिए वह मायके और ससुराल से मिले सहयोग के साथ ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का शुक्रिया अदा करना कतई नहीं भूलतीं. लॉकडाउन की वजह से ऊषा इन दिनों अपने मायके में ही हैं. पिता राधेश्याम यादव और मां शांति देवी भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.