UP News: तबादला सीजन के बीच माध्यमिक शिक्षा विभाग (Madhyamik Shiksha Board) ने भी अपनी तबादला नीति का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. सूत्रों के अनुसार विभागीय मंत्री गुलाब देवी (Gulab Devi) ने इस पर मोहर लगा दी है और आज इसका शासनादेश जारी हो सकता है. तबादला नीति के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की कुल संख्या के मुकाबले अधिकतम 10 फीसदी के ही तबादले किए जाएंगे. हालांकि इस बार भी लखनऊ (Lucknow), गाजियाबाद (Ghaziabad), नोएडा (Noida) आने की चाह रखने वालों को झटका ही लगा है. इन जिलों से शिक्षक बाहर जाने के लिए तो आवेदन कर सकते हैं. लेकिन अन्य जिलों के शिक्षक यहां के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे.


ऑनलाइन होगी प्रक्रिया
तबादले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए जारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की तबादला नीति के अनुसार आवेदन से लेकर स्थानांतरण तक सबकुछ ऑनलाइन होगा. सबसे पहले तबादलों के लिए जिलावार और विषयवार रिक्त पदों की जानकारी ऑनलाइन जारी की जाएगी. इसके आधार पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी. हालांकि प्रत्येक संवर्ग में 4 फीसदी तक तबादले का अधिकार माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के पास भी होगा.


ये नहीं कर पाएंगे तबादले के लिए आवेदन
31 मार्च 2019 के बाद नियुक्त शिक्षक-प्रधानाध्यापक ऑनलाइन तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा जिन स्कूलों में एक विषय में एक से अधिक पद सृजित है लेकिन एक ही शिक्षक कार्यरत हैं तो उसका तबादला नहीं किया जाएगा.


इनको मिलेगी तबादले में वरीयता
तबादले के लिए वरीयता क्रम में 5 विकल्प देने होंगे. तबादलों में 12 अंक के लिए 10 श्रेणियां निर्धारित की गई है. भारांक के आधार पर ही वरीयता के क्रम में तबादला होगा. शिक्षक और शिक्षक के परिजन के असाध्य रोग से पीड़ित होने और उनके पति -पत्नी के भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में तैनात होने पर वरीयता दी जाएगी.


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इन बिमारियों में मिलेगा वेटेज



  • स्वयं कैंसर-एचआईवी एड्स, किडनी, लीवर गंभीर रोग ग्रस्त आदि- 50 अंक

  • स्वयं दिव्यांग- 30 से 50 अंक

  • पति-पत्नी या बच्चे को दिव्यांगता, कैंसर, एचआईवी, किडनी, लीवर आदि में -50 अंक

  • महिला आवेदक जिनका बच्चा ऑटिस्टिक हैं या 40 फीसदी दिव्यांग- 50 अंक


यहां के लिए नहीं कर पाएंगे आवेदन
तबादला नीति के इस मसौदे के मुताबिक लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा के स्कूल आवेदन प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा मेरठ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी के जिला मुख्यालय के आठ किमी के अंदर के स्कूल भी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से बाहर होंगे. इसका मतलब ये की इन जिलों से बाहर जाने के लिए तो शिक्षक आवेदन कर पाएंगे, लेकिन इनमें आने के लिए नहीं. इसके अलावा महत्वकांक्षी जिलों और 100 विकासखंडों में कार्यरत शिक्षक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन तो कर सकेंगे. लेकिन उनको कार्यमुक्त तब तक नहीं किया जायेगा. जब तक वहां उनकी जगह कोई शिक्षक नहीं आता.


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