UP News: हस्तिनापुर में जमीन के नीचे मिली दो हजार साल पुरानी दुर्लभ चीजें, महाभारत काल के भी मिल सकते हैं सबूत
UP News: कल्चर मिनिस्ट्री ने हस्तिनापुर में महाभारत काल की संबंध में खोज के लिए खुदाई शुरू की है. खुदाई के दौरान इतिहासकारों को कई दुर्लभ चीजें मिली हैं, जिसे दो हजार साल पुराना बताया जा रहा है.
Hastinapur: देश में 70 साल पहले 1952 में प्रोफेसर बीबी लाल (Professor Bibi Lal) ने महाभारत (Mahabharata) की खोज करने के लिए, जमीन को खुदाई का काम शुरू किया था. उन्हें विश्वास था कि, 5000 साल पहले जो महाभारत हुई थी, उसके अवशेष आज भी जमीन के नीचे होंगे. वैसे महाभारत की खोज के लिए, जो सबसे महत्वपूर्ण जगह मानी जाती है वह है सिनौली (Sinouli), लेकिन अब कल्चर मिनिस्ट्री (Culture Ministry) ने हस्तिनापुर (Hastinapur) में भी महाभारत के इतिहास को खोजने का काम शुरू कर दिया है.
जिसके लिए हस्तिनापुर में कई दिनों से पांडव किले में खुदाई की जा रही थी, इस खुदाई के दौरान कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई है. इस खुदाई में 2000 साल पुराना किचन का सामान मिला है, जैसे चूल्हा और सिलबट्टा. इससे अब इतिहासकारों को यहां से महाभारत काल के सबूत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
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खुदाई में मिली हैं इस शासन काल की दुर्लभ चीजें
महाभारत की खोज 70 साल पहले पुरातत्व विभाग ने की थी, वहीं एक बार फिर इस दिशा में खोज शुरू की गई है. पांडवों के किले में जब 4 साइटों पर काम शुरू किया गया तो, 2 कुएं भी मिले जो 2 हजार साल पुराने बताए जा रहे हैं. वहीं एक दूसरी साइट पर किचन का सामान मिला है.
खुदाई के दौरान मिले 2 हजार साल पुरानी इन चीजोंको ले कर इतिहासकार अमित राय ने बताया कि, "यह खुदाई सिर्फ 7 मीटर तक की गई है, जिसमें हमें इतनी पुरानी चीज़े मिली हैं, अगर हम 14 मीटर तक पहुंचते है तो हमें कई और चौंकाने वाले सच का पता चल सकता है. उन्होंने इन अवशेषों के बारे में कहा कि, "फिलहाल जमीन के नीचे से मौर्य और गुप्त वंश के अवशेष मिले है."
इस खुदाई के संबंध में इतिहासकार अमित राय का यह है कहना
इतिहासकार अमित राय के मुताबिक, "हस्तिनापुर में अगर पुरातत्व विभाग अपनी यह खोज जारी रखेगा तो हो सकता है कि, हस्तिनापुर के पांडव किले में सिनोली से भी बड़ी खोज सामने आ जाए." उन्होंने कहा कि, "चूंकि सिर्फ 7 मीटर पर ही 2 हजार साल से पुरानी सभ्यता के सबूत मिले है, इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही 5000 साल पुराना इतिहास भी लोगों के समाने आ जाये."
अमित राय ने खुदाई के दौरान प्राप्त इन दुर्लभ चीजों के रखरखाव के बारे में कहा कि, "फिलहाल इस साइट पर जितनी भी चीजें मिल रही है, उसको म्यूजियम में रख जाएगा और यह खोज अभी जारी रहेगी."
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