Kaushambi News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कौशांबी (Kaushambi) में भ्रष्टाचार का अजीब मामला सामने आया है. जहां पर एडीओ कोआपरेटिव (ADO Cooperative), ग्राम विकास अधिकारी (BDO) के साथ मिलकर चार ग्राम प्रधानों ने निर्माण कार्य पूरा कराए बिना, सामुदायिक शौचालय (Public Toilet) और पंचायत भवन (Panchayat Bhawan) की लगभग 15 लाख रूपये की रकम का बंदरबाट कर लिया. लाखों के इस घोटाले में जांच के बाद डीपीआरओ (DPRO) ने मामले से संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. 


भ्रष्टाचार के इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद, कोखराज थाना पुलिस अब अपने स्तर से छानबीन कर रही है. वहीं भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरूपयोग मामले पर हुई इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है.  


कोरोना काल के दौरान सरकार ने गरीब मजदूरों को रोजगार देने और उनके भरण पोषण के लिए कई योजनाएं शुरू की. इसी कड़ी में प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन निर्माण के लिए धनराशी आवंटित की गई, लेकिन इस दौरान कई ग्राम पंचायत के प्रधानों ने पंचायत सचिव के साथ  सरकारी धन का दुरुपयोग किया. जिले के सिराथू ब्लॉक के जमालमऊ, उलाचूपुर, रूपनारायणपुर सैलाबी और बघेलापुर उपरहार में शासन की मंशा के अनुरूप सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में धनराशि आवंटित की गई.


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निर्माण कार्यों के लिए धनराशि का आवंटन होने के बाद, कार्य शुरु तो हुआ लेकिन मंद गति से कार्य काफी दिनों तक चलता रहा. नतीजतन आधा अधूरा कार्य पूरा होने के बाद चारों ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने, एडीओ कोआपरेटिव और ग्राम विकास अधिकारी से सांठगांठ कर के, लगभग 15 लाख रूपये की रकम का आपस में बंदरबांट कर लिया. 


पंचायत चुनावों के बाद हुआ मामले का खुलासा
वहीं पंचायत चुनावों के बाद इन ग्राम पंचायतों के प्रधान भी बदल गए, जिसके बाद इस संबंध में निर्माण कार्य अधूरा रहने के पैसा निकाल लेने की शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायत मिलने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. बाल गोविंद श्रीवास्तव ने एक अक्तूबर 2021 को संबंधित गावों का निरीक्षण किया, जहां उन्हें सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन के निर्माण कार्य अधूरे मिले. 


जांच के बाद पंचायत राज अधिकारी ने यह कहा 
डीपीआरओ ने बताया कि, जमालमऊ में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कराया गया था. कार्य को पूरा दिखाकर चार लाख 50 हजार 703 रुपये निकाल लिए गए थे. इसी तरह उलाचूपुर में तीन लाख 73 हजार 80 रुपये, रूपनारायणपुर सैलाबी में चार लाख 42 हजार 120 रुपये और बघेलापुर उपरहार में तीन लाख 16 हजार 803 रुपये निकाले गए थे. सामुदायिक शौचालय के साथ-साथ पंचायत भवन के निर्माण में भी इसी तरह से भ्रष्टाचार कर के लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया था.


नोटिस का जवाब ना देने पर डीपीआरओ कराया मुकादमा
तत्कालीन प्रधानों, पंचायत सचिव के अलावा प्रधानी चुनाव के समय प्रशासन में रहते हुए एडीओ कोआपरेटिव ने भी घोटाला किया था. डीपीआरओ ने उसी दौरान सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था, जिसका किसी ने भी अब तक जवाब नहीं दिया. नोटिस का जवाब नहीं देने पर डीपीआरओ ने कोखराज थाने में चारों गांवों के तत्कालीन प्रधान, पंचायत सचिव अर्चना सरोज और एडीओ पंचायत (प्रशासक) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.


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