Lucknow News: योगी सरकार विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना के तहत प्रदेश के 948 विरासत वृक्षों को इस साल संवारेगी. यूपी में 100 साल से अधिक आयु के 28 प्रजाति के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है. ये पेड़ सबसे अधिक काशी में है, काशी में 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35 व उन्नाव में अलग अलग प्रजातियों के 34 विरासत वृक्ष, रायबरेली में 32, झांसी में 30 है, फिरोजाबाद में 29, लखीमपुर खीरी में 27, बरेली व बहराइच में 26-26, लखनऊ में 25 व जौनपुर में 24 विरासत वृक्ष हैं. इनमें पीपल प्रजाति के 422, बरगद के 363 व पाकड़ के 57 विरासत वृक्ष शामिल हैं.


योगी सरकार विलुप्त हो रही वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण और उनके पौराणिक व ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों के स्मारकों, धार्मिक परम्पराओं व मान्यताओं से जुड़े हुए वृक्षों को संरक्षित कर रही है. इस बार इन वृक्षों की नई पौध तैयार करने के लिए विरासत वृक्ष वाटिका भी तैयार की जाएगी. 




28 प्रजातियों के पौधों को घोषित किया गया विरासत वृक्ष 
यूपी राज्य जैव विविधता बोर्ड ने यूपी की सामुदायिक भूमि पर 100 साल से अधिक आयु के 28 प्रजातियों को विरासत वृक्ष घोषित किया है. इनमें अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील. कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दू व तुमाल शामिल हैं. इसमें बरगद प्रजाति के 363 व पीपल प्रजाति के 422 वृक्ष हैं. 


ऐसे विशेष जगहों के पेड़ बनाए गए हैं विरासत वृक्ष
यूपी सरकार यूपी के सभी 75 जिलों में विरासत वृक्षों को खोजकर इन्हें संरक्षित करने का काम कर रही है. इनमें जिन वृक्षों को शामिल किया गया है वो हैं,  गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर,  गौशाला के अंदर बरगद व पाकड़ के पेड़ के साथ जिले के 19 पेड़ विरासत वृक्ष घोषित किए गए हैं. वहीं लखनऊ और वाराणसी के दशहरी आम व लंगड़ा आम के पेड़, फतेहपुर का बाचन इमली, मथुरा के इमलीतला मन्दिर परिसर का इमली का पेड़, प्रतापगढ़ का करील का पेड़, बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष, हापुड़ व संत कबीर नगर में  पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अम्बेडकर नगर का पीपल वृक्ष और आर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष शामिल है.


11 जिलों में बनाई जाएगी विरासत वृक्ष वाटिका
 उत्तर प्रदेश के लोगों को चिह्नित विरासत वृक्षों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से  प्रदेश के 11 जिलों में विरासत वृक्ष वाटिका तैयार की जाएगी. यह वाटिका गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट व मिर्जापुर में तैयार होगी. हर वाटिका में विरासत वृक्ष से तैयार पौधे को लगाया जाएगा. इसके अलावा यहां बाकी पौधे स्थानीय महत्व की प्रजातियों के होंगे. इसके लिए लगभग आठ हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी. 


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