DM e-कॉन्क्लेव में झांसी के डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि पिछले दस दिनों में कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है और ये पांच प्रतिशत तक आ गया है. जिले में करीब 4500 एक्टिव केस हैं, इनमें से 3200 लोग होम आइसोलेशन में हैं. 1200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन के मरीजों पर नजर रखी जा रही है. सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करवाई जा रही है. जिले के अलग-अलग अस्पतालों में बेड की जानकारी के पोर्टल बनाया गया है, जहां से इसकी जानकारी मिल सकती है. शुरू में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को लेकर दिक्कत हुई थी लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं थी. रेमडेसिविर मिलने में लोगों को थोड़ी देर जरूर हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है कि किसी को ना मिली हो. हमने जिले में दो प्लाज्मा बैंक भी स्थापित किए हैं.
कालाबाजारी पर नजर
DM e-कॉन्क्लेव में बांदा के डीएम आनंद कुमार सिंह ने बताया बांदा में आज की तारीख में कुल 869 सक्रिय केस हैं. 95 मरीज एल 2 फैसिलिटी में एडमिट हैं. अब तक दूसरी लहर में 6706 लोग संक्रमित हुए हैं, इनमें से 5776 लोग ठीक होकर घर गए हैं. प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. हमने 71 न्याय पंचायतों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं. जो भी लक्षण वाले मरीज दिखते हैं उन्हें दवाइओं की किट दी जाती है. मोहल्ला समिति और निगरानी समिति भी लोगों पर नजर रख रही है. ऑक्सीजन का कोई प्लाांट बांदा में नहीं है, हमीरपुर के ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन मिल रही थी. अब जिले में तीन प्लांट को मंजूरी मिली है जो मई के अंत तक चालू हो जाएंगे. इसमें पीएम केयर्स से भी ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं. जिले में जरूरी दवाइओं की कोई दिक्कत नहीं है. कालाबाजारी पर नजर बनाए हुए हैं.
निगरानी समितियों के जरिए नजर रख रहे हैं
DM e-कॉन्क्लेव में मुजफ्फरनगर की डीएम सिल्वा कुमारी जे ने बताया कि जिले में कोरोना के केस अप्रैल के आखिर में बढ़ने शुरू हुए हैं. दूसरी लहर को देखते हुए हमने अस्पतालों में बेड बढ़ा दिए हैं. इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर भी हमने बेड बढ़ाए हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन स्टोर करने की व्यवस्था की है. अभी जिले में ऑक्सीजन और बेड की कोई कमी नहीं है. ग्रामीण इलाकों में इस लहर में केस बढ़ रहे हैं. इसके लिए हमने गांवों में निगरानी समिति की नियुक्ति की है. जिनमें भी लक्षण दिख रहे हैं उन्हें दवाइयां दे रहे हैं. इसके साथ ही इनकी लगातार निगरानी से इन्हें जरूरत पड़ने पर समय से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
तीसरी लहर को लेकर हैं तैयार
DM e-कॉन्क्लेव में पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे ने बताया कि पीलीभीत में 1859 एक्टिव केस हैं, इनमें से ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं. मरीजों पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है. एक्टिव केस की संख्या में लगातार कमी आ रही है. हमारा कंट्रोल रूम तीन शिफ्ट में काम कर रहा है, इसमें लगातार 15 लोग काम करते हैं. जहां से भी मरीज की जानकारी मिलती है तो हम निगरानी समिति से संपर्क कर, मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध करवाते हैं. लगातार निगरानी के जरिए मरीज की हालत खराब होने से पहले ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है.
डीएम पुलकित खरे ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान पीलीभीत में कभी दवाइयों की कमी नहीं हुई. रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भी डॉक्टरों के साथ बैठक की है. डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही मरीजों को रेमडेसिविर उपलब्ध करवाई जा रही है. तीसरी लहर को लेकर तैयारी करना बहुत जरूरी है. तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा है कि बच्चों में दिक्कतें बढ़ सकती हैं. हमने जिले से सभी बाल रोग विशेषज्ञों की लिस्ट बना ली है. जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जाएगी. ऑक्सीजन को लेकर भी हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं. जिले में 75 प्रतिशत एंबुलेंस कोविड के लिए काम कर रही हैं. प्राइवेट अस्पतालों की 50 प्रतिशत एंबुलेंस कोविड के काम में लगाई गई हैं.
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