DM e-कॉन्क्लेव में संत कबीर नगर की डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि इस वक्त जिले में 916 एक्टिव केस हैं. हमारी पॉजिटिविटी रेट बढ़कर दस के पार चली गयी थी लेकिन अब ये पांच प्रतिशत के अंदर है. जब पिछली बार लहर आई थी तब हमारे पास सिर्फ एल 1 अस्पताल था लेकिन दूसरी लहर को देखते हुए हमने 100 बेड का एल 2 अस्पताल बनाया. यहां एल 3 स्तर की सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे पास ऑक्सीजन की कमी नहीं है. हमारे पास ऑक्सीजन के 82 कंसन्ट्रेटर हैं.


डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि मेडिकल स्टाफ पूरी कोशिश कर रहा है कि लोगों की मदद की जाए. सरकार ने हमें पूरी तरह से छूट दी है, उन्होंने हमें नियुक्ति के अधिकार दिए हैं. जब हमने सरकार को बताया कि हमारे पास डॉक्टर कम हैं तो बस्ती से हमारे पास डॉक्टर भी तुरंत भेजे गए. हमारे पास अभी तक ऑक्सीजन बाहर से आ रही थी लेकिन अभी हम दो ऑक्सीजन प्लांट बना रहे हैं. एक ऑक्सीजन प्लांट हमें पीएम केयर्स से भी मिला है. हमारे जिले में तीन तहसीलें हैं, इनमें से एक तहसील में हम विधायक निधि से ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं. 


डीएम दिव्या मित्तल ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू का असर देखने को मिल रहा है. लोगों में भी जागरूकता बढ़ी है. जिले में करीब 90 प्रतिशत के करीब लोग मास्क लगा रहे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर भी हम अच्छी स्थिति में हैं, वैक्सीन कार्यक्रम को हम जन आंदोलन की तरह चला रहे हैं. समाज के सभी वर्गों के लोग आगे आकर वैक्सीन कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं. संत कबीर नगर में अभी 18 प्लस वालों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है. लेकिन जल्द ही हम टीकाकरण और तेजी से शुरू करेंगे.  


उम्मीद है कि पीक निकल गया, काबू में हैं हालात 
DM e-कॉन्क्लेव में प्रतापगढ़ के डीएम नितिन बंसल ने बताया कि दूसरी लहर बहुत तेजी से बढ़ी और कई लोग बीमार हुए. आज जिले में 1885 एक्टिव केस हैं. इसमें से 1700 के होम आइसोलेशन में हैं, बाकी अलग-अलग अस्पताल में हैं. एल 1 अस्पताल हो या एल 2 अस्पताल, सभी में ऑक्सीजन, बेड, आईसीयू और वेटिंलेटर की कमी नहीं है. उम्मीद है कि दूसरी लहर का पीक निकल गया है. हमने तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. हम शुरू से ट्रेसिंग, ट्रैकिंग पर काम कर रहे हैं. हम रोजाना 1300 आरटीपीसीआर टेस्ट और 2000 एंटीजेन टेस्ट कर रहे हैं. हमारे लिए अच्छी बात है कि अब आरटीपीसीआर जांच जिले में ही शुरू हो गई है. डोर टू डोर सर्वे में 11500 केस मिले थे जिनमें हल्के लक्षण थे. इन सभी का एंटीजेन टेस्ट करवाया गया. जिले में पॉजिटिविटी रेट में कमी आ रही है. 


डीएम नितिन बंसल ने बताया कि जिले में हमने कंट्रोल रूम बनाया है जो 24 घंटे काम कर रहा है. इसमें डॉक्टर भी तैनात हैं. कॉल आने के बाद अगर किसी को एंबुलेंस की जरूरत होती है तो एंबुलेंस मिली या नहीं, किसी के घर में मृत्यु होने पर उसके यहां सेनिटाइजेशन हुआ या नहीं, इसकी भी लगातार ट्रेसिंग कर रहे हैं. अप्रैल के शुरुआत में हमें ऑक्सीजन की लेकर थोड़ी दिक्कत हुई थी लेकिन धीरे-धीरे स्थिति पूरी तरह स्थिति नियंत्रण में आ गई है. अगले एक महीने में हम अपना ऑक्सीजन प्लांट भी लगा लेंगे. हमें पीएम केयर्स फंड से भी काफी सहायता मिली है. 


ऑक्सीजन की कमी कभी नहीं हुई
DM e-कॉन्क्लेव में हापुड़ के डीएम अनुज सिंह ने बताया कि मरीजों के अस्पताल में आने की रफ्तार कम हुई है. अभी भी करीब 300 मरीज रोज आ रहे हैं लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. अभी करीब 1706 मरीज होम आइसोलेशन में हैं. 300-400 मरीज अस्पतालों में हैं और ठीक होकर घर जा रहे हैं. हमने टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाई है. हमारे यहां तीन मेडिकल कॉलेज हैं. एक नया बना जिला अस्पताल है, इसके साथ ही दो और सेंटरों को हमने कोविड अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया. हमारे पास ऑक्सीजन बेड 800, 170 आईसीयू बेड की उपलब्धता थी. दिल्ली के बाद जब गाजियाबाद में मरीज बढ़ने लगे तब हमने भी अपने यहां गाजियाबाद के मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया था. हमें खुशी है कि ऐसा कोई मरीज नहीं था जसे हम बेड नहीं उपलब्ध करवा पाए. ऐसा वक्त कभी नहीं आया जब जिले के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हुई हो. 


दूसरी लहर का पीक पार चुके हैं, लेकिन अभी भी सचेत हैं
DM e-कॉन्क्लेव में सुल्तानपुर के डीएम रवीश ने बतााया कि आंकड़ों के लिहाज से सुल्तानपुर में हमने पिछले 10 दिनों में काफी अच्छा काम किया है. कोरोना के केस कम हुए हैं. पहले हमारे पास 700-800 केस रोज आ रहे थे अब करीब 100 केस डेली आ रहे हैं. लेकिन, हमने अभी भी सभी को सचेत कर रखा है. थोड़ी राहत की बात है कि दूसरी की लहर का पीक हम क्रॉस कर चुके हैं. हमने कोरोना टेस्टिंग बढ़ाई है. ऑक्सीजन और बाकी व्यवस्थाओं के लिए केएनआईटी के चार हॉस्टल को नियंत्रण में लिया है. यहां डॉक्टर की टीम तैनात है, अभी वहां 200 बेड संचालित हैं और जरूरत पड़ेगी तो इसे 600 तक ले जा सकते हैं. अभी वहां पर 70-8- एक्टिव मरीज आ रहे हैं. ऑक्सीजन के लिए हमने कंट्रोल रूम की स्थापना की है. 


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