लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 26 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले महज छह महीने में 26.1 करोड़ कार्य दिवस बनाने का रिकॉर्ड बनाया है. यह पहली बार है कि राज्य ने केवल आधी अवधि में योजना का वार्षिक लक्ष्य प्राप्त किया है. राज्य ग्रामीण विकास विभाग ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में लौटने वाले लाखों प्रवासियों के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन में तेजी लाकर ये उपलब्धि हासिल की.
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा के एक महीने बाद 21 अप्रैल से प्रवासियों को नौकरी देना शुरू कर दिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा कि महामारी के चरम के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आने वाले प्रवासियों को रोजगार प्रदान करने में यह योजना काफी मददगार साबित हुई.
रणनीतिक तरीके से हुई लागू
उन्होंने कहा कि योजना को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करते हुए रणनीतिक तरीके से लागू किया गया था, जिसमें नदियों, तालाबों के पुनरुद्धार और वृक्षारोपण शामिल हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा, "इन सभी गतिविधियों ने प्रवासियों को रोजगार देने में राज्य सरकार की मदद की."
पहले ठीक नहीं थी स्थिति
इससे पहले, मनरेगा का प्रदर्शन राज्य में नौकरी सृजन के मामले में बहुत अच्छा नहीं रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि योजना के तहत लोगों के नामांकन का लक्ष्य मोटे तौर पर पिछले पांच वर्षों से 1.03 करोड़ परिवारों में स्थिर है. यह लगभग पांच करोड़ वार्षिक कार्य दिवस में तब्दील होता है.
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