Aligarh Health Department: अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की बेहद ही चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. यहां कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में जीवित महिला का नाम अंकित कर दिया गया है. प्रशासन द्वारा दिए जा रहे 50000 रुपए के मुआवजे वाली पोर्टल पर महिला का नाम चढ़ा दिया गया है. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब जिले के कोरोना कंट्रोल रुम से मुआवजा देने हेतु कागजी कार्यवाई के लिए फोन किया गया. तो उधर से महिला व उसके परिजनों ने स्वयं बताया कि वह जीवित है तो मुआवजा क्यों ले.
लगातार आ रहे फोन
जहां एक ओर कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजन मुआवजे के लिए भटक रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग जीवित लोगों से मृतकों की लिस्ट बना कर बैठा हुआ है. इस बात से बिल्कुल स्पष्टीकरण हो चुका है कि यहां मुआवजे के नाम पर भी घोटाले की बू आ रही है.
अलीगढ़ जिले में कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में 108 लोगों के नाम अंकित किए गए हैं. जबकि मरने वालों की संख्या कुछ और ही रही है. अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके के मेंलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी व उनके बेटे हेमंत चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया है कि उनको पिछले कई दिनों से अलग-अलग नंबर द्वारा कॉल किए जा रहे हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में शकुंतला देवी की मृत्यु हो चुकी है. आप लोग कागजी कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर आ जाएं.
हेमंत का कहना है कि मुआवजा लेने से मना करने के बाद फोन पर कहा गया कि आप सिग्नेचर कर दें तो 30,000 रुपए आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे. जबकि 50000 रुपए सरकार ने मुआवजा तय किया है. मां-बेटे के बताए अनुसार शकुंतला देवी का उपचार क्षेत्र के एक निजी अस्पताल जीवन ज्योति में हुआ था. जहां भर्ती होने के अलावा डिस्चार्ज समरी भी उनके पास है.
मृत्यु के बाद भी लिस्ट से नाम गायब
ज्ञानेश नाम के एक व्यक्ति का कहना है कि वह राफातगंज का निवासी है. उसके पिता सतीश चंद्र वार्ष्णेय की कोरोना पॉजिटिव होने पर दूसरी लहर के दौरान दीनदयाल अस्पताल में मृत्यु हो चुकी है. उनका दाह संस्कार भी कोरोना गाइडलाइंस के तहत कराया गया था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा लगा कर थक गए, कोई भी सुनने वाला नहीं है. वह एक गरीब परिवार से आता है.
इधर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना काल के दौरान जिन लोगों की मृत्यु कोविड-19 से हुई थी उनको शासन द्वारा 50000 रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है. जिसके लिए 108 लोगों की लिस्ट तैयार की गई. लेकिन शकुंतला देवी जैसे दो मामले सामने आने के बाद लिस्ट से उनके नाम हटाकर 106 लोगों की सूची बनवा दी गई है. वहीं इस मामले की जांच जारी है.
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