UP Assembly Election 2022: औरया जिले में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी दलों ने महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला है. जिसमें सबसे दिलचस्प सीट बिधूना विधानसभा की देखने को मिल रही है. जहां बीजेपी से बागी विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. वहीं दूसरी तरफ सपा ने भी रेखा वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. जिनका चुनाव प्रचार बीजेपी प्रत्याशी के पिता और चाचा कर रहे हैं. तो वहीं औरया विधानसभा में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी बनाया है.


महिलाओं पर भरोसा
'लड़की हूं लड़ सकती हूं' इस नारे के साथ कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रिंयका गांधी ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव मैदान में तैयारी की है. साथ ही महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा अभी तक महिलाओं को टिकट भी दिया है. औरया जिले की विधानसभाओ में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. जहां बीजेपी ने औरया जिले की तीन विधानसभाओं में दो महिला प्रत्यशियों को उम्मीदवार बनाया है. 


दिबियापुर बनी हाट सीट
सपा और कांग्रेस ने भी अपनी तीनों विधानसभाओं में एक-एक महिला उम्मीदवार मैदान में उतारा है. औरया जिले की हाट सीट दिबियापुर विधानसभा है. लेकिन इस सीट पर बीजेपी, सपा और बसपा तीनों दलो में से किसी भी दल ने अपना महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है. यहां की लड़ाई बीजेपी और सपा में है. जहां बीजेपी के उम्मीदवार वर्तमान विधायक लाखन सिंह हैं तो सपा से पूर्व विधायक प्रदीप यादव हैं.


बाप बेटी की लड़ाई
वहीं औरया जिले की सबसे सुपर विधानसभा बिधूना विधानसभा सीट बन चुकी है. जहां पर सपा और बीजेपी ने महिला प्रत्याशी उतारा है. इस सीट पर बीजेपी ने बागी हुए विधायक विनय शाक्य की बेटी को ही उम्मीदवार बना कर मैदान में उतारा है. जबकि रिया शाक्य के पिता विनय शाक्य और चाचा देवेश शाक्य सपा की प्रत्याशी रेखा वर्मा के लिए चुनाव प्रचार कर वोट मांग रहे हैं. चुनावी हवा दोनों तरफ है जबकि बीजेपी की प्रत्यशी रिया शाक्य के खिलाफ कुछ दिन पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टिकट देने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इन सब के बीच भी भले ही बीजेपी की प्रत्याशी रिया शाक्य अपने आप को अकेला महसूस कर रही हो लेकिन मैदान में उतर कर वह लोगों के बीच वोट मांग रही हैं.


औरया के उम्मीदवार
औरया विधानसभा की अगर बात की जाए तो ये सुरक्षित सीट है. इस बार इस सीट पर भी बीजेपी ने महिला प्रत्याशी को टिकट दे कर नया चेहरा गुड़िया कठेरिया के रूप में मैदान में उतारा है. सपा-बसपा ने इस सीट पर महिला प्रत्याशियों पर दांव नहीं खेला जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर सरिता दोहरे को टिकट दिया है. सरिता दोहरे पर हाल ही में टिकट दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी आरोप लगा था. लेकिन किसी प्रकार के सही प्रमाण न मिलने पर मामला शांत हो गया. जिसको लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ने पहले ही कहा था कि मुझे बदनाम करने की यह साजिश है. बहरहाल राजनीति में यह आरोप प्रत्यारोप तो लगना आम बात है. लेकिन इस सीट से अभी तक कांग्रेस ने जीत का स्वाद नहीं चखा है. इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को शायद उम्मीद है कि जीत का मोहर वह लगा सकती हैं. 


नहीं जीत सकी है कोई महिला
इन सभी प्रत्याशियों ने अपनी जीत की किताब भले ही लिखना शुरू कर दिया हो लेकिन 20 तारीख को होने वाले तीसरे चरण में चुनाव से पहले सभी प्रत्याशियों के मुद्दे भी अलग-अलग हैं. कोई विकास की बात कर रहा है तो कोई महिला सुरक्षा का भरोसा दिला रहा है. जनता के बीच बीजेपी अपनी वर्तमान सरकार में हुए विकास कार्यों को और लोगों को दिए गए लाभ पर वोट मांग रही है. वहीं अगर कोई महिला जीत जाती है तो ऐसा पहली बार होगा जब इन तीन विधानसभाओ में से कोई भी इस जनपद से पहली महिला विधायक होगी जो लखनऊ के सफर तय करेगी.


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