UP Assembly Election 2022: बस्ती जनपद के विक्रमजोत विकास खण्ड के बालू माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन के कार्रवाई नहीं करने पर ग्रामिणों ने नया फरमान सुना दिया है. जब जिला प्रशासन बस्ती ने कोई कार्रवाई नहीं की और ग्रामीणों के संग खनन के अवैध अड्डे पर बीजेपी के विधायक अजय सिंह भी मौके पर पहुंच कर धरना प्रर्दशन किए. इसके बावजूद नतीजा ढाक के पात की तरह ही रहा. अब माझा क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांव के ग्रामीणों ने चौरोहे व गांव के मुख्य सडकों, तटबंधों व पेडों पर बैनर और होर्डिंग लगा दी है. बैनर व होर्डिंग लगाकर ग्रामिणों ने आगमी तीन मार्च को पडने वाले विधानसभा के वोटों का बहिष्कार कर दिया.


इन गांवों में उठी मांग
विक्रमजोत विकास क्षेत्र के बेतावा गांव में प्रशासन द्वारा आवंटित बालू खनन स्थल पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके चलते खेमराजपुर, कन्हईपुर, शंभूपुर, पकडी, नर्सिंगपुर, भौसिया, लकडीदूबे, भिखारीपुर सहित आधा दर्जन गांव के सैकडों ग्रामीणों ने जमकर विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि यदि अवैध बालू खनन नहीं रोका गया तो आने वाले बाढ़ के दिनों में उनका गांव कटकर घाघरा में समा जायेगा. जिसके बाद बाल-बच्चों सहित वे लोग सडक पर आ जायेंगे. इसलिए उनकी प्रशासन से मांग है कि जब तक अवैध बालू खनन नहीं रूक जाता और हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होता है. तब तक आगामी विधानसभा के चुनाव का वे बहिष्कार करेंगे.


क्या कहते हैं ग्रामिण
बालू खनन स्थल पर विरोध कर रहे ग्रामिणों ने कहा कि आने वाले तीन मार्च को किसी भी राजनीतिक पार्टियों को अपना वोट देने नहीं जायेंगे. अवैध बालू खनन पर जब तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तब तक वे लोग इस तरह नारेबाजी करते रहेगें. वे चुनाव बहिष्कार भी करेंगे. उनका कहना है कि अगर हमारी समस्याओं का समाधान हो नहीं हुआ तो ग्रामवासी अपने गांव में किसी भी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों को गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे. अब देखना है की जिला प्रशासन इन ग्रामीणों की समस्याओं का निदान कर पाता है यह नहीं.


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