UP Election 2022: चंदौली के चकिया पहुंचे BJP अध्यक्ष ने अखिलेश को बताया भक्षक, मुख्तार-अतीक को भी निशाने पर लिया
UP Election: चंदौली (Chandauli) में चकिया (Chakia) विधानसभा में आज बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने काटा में रैली की. वे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर खूब बरसे.
UP Assembly Election 2022: चंदौली (Chandauli) में चकिया (Chakia) विधानसभा में आज बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने काटा (Kanta) में रैली को संबोधित किया. इस दौरान जे पी नड्डा ने सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर बरसे. उन्होंने योगी को रक्षक और अखिलेश को भक्षक बना डाला.
क्यों रखी रैली
चकिया विधानसभा के काटा गाँव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक जनसभा की. उनकी यहां रैली इसलिए रखी गयी थी क्योंकि यह इलाका पिछड़ा होने के साथ-साथ कमजोर भी है. इसके पहले इस इलाके में कभी भी इतने बड़े नेता की रैली फिलहाल कई वर्षों से नहीं हुई थी. बीजेपी ने यहां से कैलाश खरवार को उमीदवार बनाया है .जो पेशे से शिक्षक हैं और संघ से कई दशकों से जुड़े हुए हैं. आज राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कैलाश खरवार के लिए लोगो से वोट मांगे और इनको विजयी बनाने का आशीर्वाद मांगा.
आतंकी हमले पर क्या बोले
जे पी नड्डा ने अपने संबोधन के दौरान आज अखिलेश यादव को भक्षक और योगी को रक्षक बताया. नड्डा ने कहा कि 31 दिसंबर 2007 की रात और एक जनवरी 2008 की सुबह, उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ के कैंप पर AK-56 राइफल के साथ पांच आतंकवादियों ने हमला किया. सात सीआरपीएफ के जवान मारे गए. सात माताओं की गोद सुनी हो गई. सात बहने विधवा हो गईं. सात परिवार के बच्चे अनाथ हो गए. यूपी के स्पेशल टास्क फोर्स ने और एनआईए ने इंवेस्टिगेशन किया. यहीं नेपाल और भारत के बॉर्डर पर एक व्यक्ति को पकड़ा जिसका नाम था शहाबुद्दीन. यह शहाबुद्दीन भारत में लश्कर का कमांडर इन चीफ था.
क्या किया सवाल
जब उसको पकड़ा गया तो सात आतंकवादी और पकड़ाये. आतंकवादियों ने कबूल किया कि हमने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था. अखिलेश जी ने 26 अप्रैल 2012 को इनको सामाजिक सौहार्द रखने के बहाने इनका केस वापस ले कर छोड़ दिया. फिर उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा आप यह केस वापस नहीं ले सकते हो. यह आतंकवादी का केस है भारत के कानून का केस है. इस पर इंक्वायरी होगी. केस चार लोगों को सजा ए मौत हुई और तीन लोगों को आजीवन कारावास हुआ. जिनको अखिलेश जी छोड़ना चाहते थे.ऐसे लोगों को सरकार दोगे क्या. मैं पत्रकार बंधु से कहना चाहता हुं कि अखिलेश जी से पूछना 26 अप्रैल 2012 को आदेश दिए थे कि नहीं. यानी रक्षक ही भक्षक बन जाए, रक्षा करने वाला ही भक्षण करें अब बताइए उत्तर प्रदेश ऐसे लोगों के हाथ में रहेगा क्या. आपको रक्षक चाहिए या भक्षक चाहिए, रक्षक चाहिए या भक्षक चाहिए. अगर भक्षक चाहिए तो अखिलेश हैं, अगर रक्षक चाहिए तो योगी आदित्यनाथ इस बात को समझ लीजिए.
क्या लगाया आरोप
जेपी नड्डा ने आजम खान, मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को भी जमकर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि देखो भैया मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं. राजा और नेता के बदल जाने से कितना फर्क पड़ता है. पांच साल पहले आजम खान दनदनाता था कि नहीं दनदनाता था. मैं नाम लेकर कर पूछ रहा हुं कि दनदनाता था कि नहीं. मुख्तार अंसारी दनदनाता था कि नहीं और यह अतीक अहमद दनदनाता था कि नहीं दनदनाता था. देखो आज आदमी वही है, मुजरिम वही है कानून वही है. अखिलेश जो आंख में पट्टी बांधकर रखता था घूमता था यह तीनों दनदनाते थे. जब योगी जी का शासन आया अब तीनों जेल में गुल्ली डंडा आजकल खेल रहे हैं. यह परिस्थिति आ गई है.
ये भी पढ़ें-
Mahashivratri: झारखंड के संथाल परगना में तैयारी पूरी, विधि विधान से होगा भगवान शिव-पार्वती का विवाह
Bihar Crime: मुजफ्फरपुर में बड़ी लूट, पेट्रोल पंप के मैनेजर से दिनदहाड़े 25 लाख छीनकर भागे अपराधी