UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) के रण में अजब-गजब रंग और उम्मीदवार देखने को मिल रहे हैं. एक ओर जहां दमदार उम्मीदवारों की एंट्री हो रही है, तो वहीं ऐसे उम्मीदवार भी पर्चा दाखिल कर रहे हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रगान (National Anthem) के बारे में भी जानकारी नहीं है. ऐसे प्रत्याशी मैदान में हैं, जिन्हें ये तक नहीं पता है कि वो जनता के लिए किन मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए आए हैं.
गोरखपुर की ये प्रत्याशी
गोरखपुर (Gorakhpur) में मंगलवार को सपा (Samajwadi Party), बसपा (BSP), कांग्रेस (Congress) और आप (AAP) के दिग्गज उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया. भारतीय अपना समाज पार्टी की उम्मीदवार पूनम सिंह ने बताया कि वे गोरखपुर ग्रामीण (Gorakhpur Rural) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि वे किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं. तो उन्होंने धीरे से मुस्कुराकर पति की ओर देखा और चुप रहना ही बेहतर समझा. उनसे जब फिर सवाल किया गया, तो उनके पति मुद्दे गिनाते हुए अपना परिचय देने लगे और खुद को प्रत्याशी पति बताकर उनके सवालों का जवाब भी देने लगे. तिरंगा रंग की साड़ी पहनने पर उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रप्रेम है. जब उनसे राष्ट्रगान सुनाने या बताने के लिए कहा गया, तो वो चुप हो गईं और धीरे से वहां से खिसक लेने में ही भलाई समझीं.
क्या है सपा उम्मीदवार का आरोप
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार विजय बहादुर यादव ने नामांकन दाखिल किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी विकास के मुद्दे पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है. वे पांच साल जनता के बीच में रहे हैं. कोरोना काल में बीजेपी के सांसद, विधायक और पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ता भी लोगों की मदद के लिए आगे नहीं आए. उन्होंने लोगों की मदद की है. बाढ़ के हालात के बीच भी वे जनता के बीच रहे हैं. ऐसे में इस बार वे भारी मतों से चुनाव जीतेंगे. इसका उन्हें विश्वास है. विजय बहादुर यादव 2012 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद वे बीजेपी छोड़कर सपा में आ गए. विजय बहादुर यादव साल 2017 के चुनाव में बीजेपी के विपिन सिंह से हार गए. इस बार फिर सपा ने उन्हें टिकट दिया है.
बसपा उम्मीदवार का आरोप
बसपा से गोरखपुर शहर (Gorakhpur Sadar) से उम्मीदवार ख्वाजा शुमसुद्दीन ने कहा कि जो गोरखपुर के अंदर अधूरे विकास के कार्य पड़े हैं, उसे पूरा करना उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि यहां जाम की समस्या है. शहर में जल-जमाव की समस्या को दूर करना है. उन्होंने कहा कि विधायक के मकान के सामने जल-जमाव हो जाता है. नगर निगम के सामने पानी लग जाता है. दमदारी वोट की होती है. हर समाज के लोगों का वोट उनके और बसपा के साथ है. गोरखपुर का विकास नहीं पाया है. बीजेपी के लोगों ने झूठ बोला है. सपा मुसलमानों की ठेकेदार है. बसपा ने उनकी भागीदारी की वजह से उन्हें बहनजी ने टिकट दिया है. यही वजह है कि सपा के लोगों के पेट में दर्द हो रहा है.
आप उम्मीदवार ने लगाया आरोप
गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से आप प्रत्याशी विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वे छह सालों से 2022 का चुनाव लड़ने की तैयारी जनता की अदालत में किया है. उन्होंने संघर्ष किया है. यहां की पुलिस उन्हें हाउस अरेस्ट किया. कोरोना काल में उन्होंने जनता की मदद की है. निरंकुश सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किए. वे हर वर्ग के लोगों की मदद के लिए खड़े हैं. वे डरने वालों में से नहीं हैं. उनका शहर बाढ़ में नहीं डूबा, लेकिन बारिश में डूबा. कोई ऐसा गली-मोहल्ला नहीं है, जहां पानी नहीं लगता है. स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है. यहां विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है. उन्होंने जनता के बीच में काम किया है. जनता उन्हें समर्थन दे रही है. दिल्ली का गारंटी पत्र यूपी में लेकर आ रहे हैं. उनकी किसी से लड़ाई नहीं है.
पिपराइच से सपा उम्मीदवार
सपा के पिपराइच (Pipraich) से उम्मीदवार अमरेन्द्र निषाद ने भी मंगलवार को नामांकन दाखिल किया. उन्होंने कहा कि वे जनता के सुख-दुःख में खड़े रहे हैं. वे लगातार जनता के बीच में जा रहे हैं. जो सबसे बड़ा मुद्दा है. वो ये है कि नौजवानों को रोजगार मिले. किसानों के खेतों की सुरक्षा मिले. बीजेपी के बिगड़ैल साड़ों को भी ठीक करना है, जो खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन पर भी अंकुश लगाने का काम सपा करेगी. एम्स (AIIMS) के लिए खुटहन गांव में सपा की सरकार में अखिलेश यादव द्वारा दी गई जमीन खाली पड़ी है. वो जमीन पुकार रही है कि फीता काटकर वे नौजवानों को रोजगार दें. बीजेपी के विधायक चुनाव लड़ रहे हैं. जनता के बीच कभी सुख-दुःख में वे कभी नहीं गए. वो जनता के बीच हैं. जनता इस बार के चुनाव में बीजेपी को जड़ से उखाड़ फेंकेगी.
AIMIM का ये दावा
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रत्याशी मोहम्मद इस्लाम ने कहा कि ये उनका पहला चुनाव नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके पहले वे 2006 में मेयर, 2007 में एमएलए का चुनाव भी लड़ चुके हैं. 2017 में मेयर का चुनाव लड़े हैं. जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. एनआरसी और कोरोना काल में लॉकडाउन में वे उनके साथ खड़े रहे हैं. बीजेपी और एमआईआईआईएम की लड़ाई है. तीसरा कोई नहीं है.
खजनी की रजनी
खजनी (Khajani) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही रजनी ने कहा कि विपक्ष में सभी प्रतिद्वंदी हैं. वे जिला पंचायत चुनाव जीत चुकी हैं. वे कई मुद्दों को लेकर जनता के बीच हैं. गरीबी, छिनैती और कई मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं. खजनी की रजनी ही काफी है.
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