UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में तमाम ऐसे पुराने दिग्गज नेता हैं जो मैदान में तो बहुत सक्रिय नहीं हैं. लेकिन पर्दे के पीछे आज भी चाणक्य की भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे ही नेताओं में एक हैं केशरीनाथ त्रिपाठी. केशरीनाथ पश्चिम बंगाल के गवर्नर और यूपी विधानसभा के कई बार स्पीकर रहने के साथ ही यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. खराब सेहत की वजह से वह इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन इस बार के चुनाव में वह अपनी बहू कविता यादव त्रिपाठी को टिकट दिलाना चाहते हैं. कविता यादव को टिकट दिलाने के लिए वह जमकर पैरवी भी कर रहे हैं. हालांकि वह इसे खुलकर स्वीकार नहीं करना चाहते.
क्या कहते हैं केशरीनाथ त्रिपाठी
एबीपी गंगा चैनल से की गई खास बातचीत में उन्होंने बहू को टिकट दिलाने के लिए पैरवी करने से इंकार किया. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बहू विवाह से पहले ही राजनीति में थी और बीजेपी की सदस्य थीं. केशरीनाथ के मुताबिक उनकी बहू परिवारवाद के दायरे में नहीं आतीं है. वह अकेले उनके नाम के सहारे टिकट नहीं मांग रही हैं. बल्कि बीजेपी में बरसों से की गई सेवाओं के आधार पर दावेदारी कर रही हैं. ऐसे में पार्टी को तय करना है कि उनकी बहू कविता यादव त्रिपाठी को क्या जिम्मेदारी सौंपनी है. उनके मुताबिक अगर पार्टी उनकी बहू कविता को उम्मीदवार बनाती हैं तो वह खुलकर उनके लिए प्रचार करेंगे. इतना ही नहीं अगर पार्टी दूसरे उम्मीदवारों के प्रचार के लिए भी कहेगी तो वह अपनी सेहत के आधार उनके लिए भी वोट मांगने निकलेंगे.
बीजेपी की बनेगी सरकार
तकरीबन नब्बे साल के केशरीनाथ त्रिपाठी का कहना है कि वह बहू के टिकट को कतई अपनी प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ रहे हैं. पार्टी का सिपाही होने के नाते उसका हर फैसला उन्हें कबूल होगा. केशरीनाथ त्रिपाठी का कहना है कि यूपी में इस बार भी बीजेपी की लहर चल रही है. जनता दोबारा बीजेपी को मौका देना चाहती है. वह विकास के सिलसिले को रुकने नहीं देना चाहते हैं. उनके मुताबिक विपक्ष लामबंद होकर भी इस चुनाव में कुछ नहीं कर सकेगा.
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