UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण में होने वाले चुनाव में कुशीनगर के सात विधानसभा क्षेत्रों में से बीजेपी ने तीन प्रत्याशियों की घोषणा की है. तीनों नए युवा प्रत्याशियों को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. कुशीनगर और हाटा के सिटिंग विधायकों का टिकट काट नया उम्मीदवार घोषित किया गया. वहीं फाजिलनगर से सिटिंग विधायक के बेटे पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
कौन बने हैं प्रत्याशी
टिकट कटने के बाद कुशीनगर और हाटा विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के अंदरखाने से भितरघात की बू आने लगी है. नए प्रत्याशी वोटरों को अपने फेवर में करने में कितना सफल होते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन सिटिंग विधायकों का टिकट काट कर नए युवा प्रत्याशियों को टिकट देना एक नया प्रयोग साबित होता नजर आ रहा है. बीजेपी ने टिकट देते समय जातिगत समीकरण को खूब साधा है. जिस जाति के विधायक का टिकट काटा जाता है वहां उसी बिरादरी के उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है.
कुशीनगर से बदला प्रत्याशी
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने आज 91 उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की है. इसमें कुशीनगर के तीन विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. सबसे पहले हम कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 2017 के चुनाव में भी पार्टी ने नए प्रत्याशी रजनीकांत मणि त्रिपाठी को टिकट देकर चुनाव लड़ाया था. रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को हराकर जीत हासिल की थी. लेकिन पार्टी ने 2022 के चुनाव में फिर से रजनीकांत मणि का टिकट काट कर पीएन पाठक (पंचानन पाठक) को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है. पेशे से वकील रजनीकांत मणि त्रिपाठी सरल स्वभाव के सहज व्यक्ति हैं. लगातार पांच साल तक आम लोगों के बीच में रहने के बाद भी टिकट कटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
ब्राह्मण वोट ज्यादा
बीजेपी के घोषित उम्मीदवार पीएन पाठक बीजेपी के गोरखपुर परिक्षेत्र के क्षेत्रीय टीम में उपाध्यक्ष के पद पर संगठन में काम कर रहे हैं. पीएन पाठक भी सहज व्यक्तित्व के धनी हैं. मूल रूप से तमकुहीराज विधानसभा के पाठक गडहिया गांव निवासी पीएन पाठक पिछले 2007 विधानसभा चुनाव से ही पार्टी से टिकट मांग रहे थे. लेकिन पार्टी ने पहली बार इन्हें कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने जातिगत समीकरण देखते हुए यहां से ब्राह्मण का टिकट काट कर दूसरे ब्राह्मण को टिकट दिया है. कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र है. यहां लगभग 40 हजार ब्राह्मण वोटरों की संख्या है.
हाटा से बदला प्रत्याशी
दूसरे विधानसभा हाटा की बात करे तो यहां से भी सिटिंग विधायक पवन केडिया का टिकट काट कर स्थानीय नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मोहन वर्मा को पार्टी ने टिकट दिया है. 2017 विधानसभा चुनाव में हाटा में भी बीजेपी ने नए उम्मीदवार पवन केडिया को प्रत्याशी बनाया था. पवन केडिया ने सपा सरकार के दबंग मंत्री राधेश्याम सिंह को हराकर जीत हासिल किया था. पवन केडिया मारवाड़ी जाति से आते हैं. घोषित प्रत्याशियों में से यहां पवन केडिया का टिकट काट कर सुनार जाति के मोहन वर्मा को टिकट दिया गया है. मोहन वर्मा को पवन केडिया ने ही नगर पालिका परिषद का टिकट दिलवा कर अध्यक्ष बनवाया था. मोहन वर्मा और पवन केडिया साथ-साथ रहते थे. लेकिन राजीनीति ने इन दोनों को अलग कर दिया.
बेटे को टिकट
तीसरा विधानसभा फाजिलनगर से स्थानीय विधायक गंगा सिंह कुशवाहा का टिकट काट कर उनके बेटे सुरेंद्र कुशवाहा पर पार्टी ने दाव लगाया है. फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र कुशवाहा बाहुल्य क्षेत्र है. यहां लगभग 50 हजार कुशवाहा (कोइरी) वोटर हैं. गंगा सिंह कुशवाहा लगातार दो बार यहां से बीजेपी के विधायक रहे हैं. पेशे से अध्यापक रहे गंगा सिंह कुशवाहा को बीजेपी ने 2012 और 2017 में उम्मीदवार बनाया था और दोनों बार विधायक चुने गए. घोषित नए प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा गंगा सिंह के पुत्र है और पेशे से अध्यापक हैं. राजीनीति में यह सुरेंद्र कुशवाहा की पहली पारी है.
क्यों फंसा है पेंच
आरपीएन सिंह के बीजेपी में आने के बाद पडरौना और खड्डा विधानसभा क्षेत्र में पेंच फंसा हुआ है. आरपीएन सिंह पडरौना से मनीष जायसवाल और खड्डा से राजकुमार सिंह को टिकट दिलाना चाहते हैं.
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