UP Assembly Election 2022: मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हाजी रिजवान सपा छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं. अब बसपा ने उन्हें कुंदरकी विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बना लिया है. हाजी रिजवान कुंदरकी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने सपा से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. लेकिन बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर अखिलेश यादव से हाजी रिजवान से नाराज चल रहे थे.
कुंदरकी में विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव ने हाजी रिजवान का टिकट काटकर इस सीट पर जियाउर रहमान बर्क को प्रत्याशी बना दिया है. जियाउर रहमान बर्क संभल के सपा सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क के पोते हैं. कुंदरकी विधानसभा सीट लोकसभा संभल में लगती है. इसलिए सपा को लगता है कि जियाउर रहमान बर्क इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी रहेंगे. लेकिन सपा के मौजूदा विधायक हाजी रिजवान का बगावत कर सपा छोड़कर बसपा के हाथी पर सवार हो जाने से सपा के वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका बढ़ गई है. इस विधानसभा सीट पर लगभग 60 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. इसे सपा का गढ़ माना जाता है लेकिन इस बार सपा, बसपा और बीजेपी के बीच इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है.
सांसद का रहा है प्रभाव
हाजी रिजवान बसपा के प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं और हाजी रिजवान के समर्थकों में इस बात को लेकर जोश देखने को मिल रहा है. हाजी रिजवान को अल्पसंख्यक और पिछड़े दलित मतदाताओं का अगर समर्थन मिल जाता है तो हाजी रिजवान एक बार फिर विधायक बन सकते हैं. लेकिन सपा सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क इलाके के कद्दावर नेता हैं. मुरादाबाद और संभल दोनों लोकसभा सीटों से वह चुनाव लड़ चुके हैं और सांसद रहे हैं. अभी भी संभल लोकसभा सीट से वह सपा सांसद हैं. उनकी इसी लोकसभा सीट में कुंदरकी विधानसभा सीट भी आती है. ऐसे में जियाउर रहमान बर्क के समर्थकों को लगता है कि सपा का मतदाता उन्हीं को वोट देगा. वह जीत हासिल कर लेंगे लेकिन कुंदरकी विधानसभा सीट इस बार सपा के लिए चैलेंजिंग सीट बन चुकी है.
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