UP Assembly Election 2022: चुनावी बयार में महाराजा सुहेलदेव को लेकर एक बार फिर से राजनीति गर्म होती नजर आ रही है. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना महाराजा सुहेल देव को राजपूत वंश का बता रही है. वहीं सुभासपा सुहेलदेव को राजभर समाज का बता रही है अलग राजनीतिक चाल चल दी है. 


लोकप्रियता पाने का प्रयास
काशी में सुहेलदेव को लेकर राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने महाराजा सुहेलदेव को अपना बताकर कैंपेन चलाने की बात कही है. अब सहदेव पर राजनपूत करणी सेना आर पार की तैयारी कर चुकी है. सुभासपा ने इसे राजनीतिक स्टंट बताते हुए कहा कि ये लोकप्रियता पाने का प्रयास है.


क्या है कारण
यूपी में पूर्वांचल को लेकर गहमा गहमी बढ़ी हुई है. राजभर वोटों को लेकर सियासत भी चरम पर है. सात प्रतिशत राजभर वोट को लेकर गहमा गहमी है. ऐसे में सुभासपा नेता ओपी राजभर महाराजा सुहेलदेव को राजभर वंश से जुड़ा बताते रहे हैं. लेकिन काशी में राजपूत करणी सेना अब ओपी राजभर से महाराजा सुहेलदेव के जातिगत अस्तित्व को लेकर आर पार की स्थिति में है. इसके इतर इतिहासकार महेंद्र नाथ सिंह की माने तो इतिहास इस बात की गवाही देता है कि महाराजा सुहेलदेव वैश्य ठाकुर थे. उनका राजभर जाति से कोई नाता नहीं था. राजपूत वंशावली में इसका जिक्र भी बताया गया है.


चुनावी मौसम में दावेदारी
चुनावी मौसम में महापुरुषों को लेकर दावेदारी आम बात होती है. कभी बाबा साहब तो कभी लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल तो कभी महाराजा सुहेलदेव खासकर चर्चा में रहते हैं. जब कोई दूसरा संगठन इस पर ऐतिहासिक प्रमाण को लेकर अपनी दावेदारी पेश करे तो बहस छिड़ जाती है. अब देखना ये होगा कि महाराजा सुहेलदेव को लेकर क्या ओपी राजभर का कोई बयान सामने आता है?


ये भी पढ़ें-


UP Election 2022: टिकट नहीं मिलने पर फूट फूटकर रोईं कांग्रेस नेत्री मेहराज जहां, पार्टी पर लगाया ये बड़ा आरोप


UP Election 2022: सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो के मामले में RLD नेता वीरपाल राठी ने थोड़ी चुप्पी, जानें- क्या कहा?