UP Election 2022: अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के साथ आने से सिरसागंज के समर्थकों में जद्दोजहद, पूर्व सांसद की घोषणा से बढ़ी तकरार
UP Assembly Election: अखिलेश यादव और शिवपाल यादव साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे जिससे सिरसागंज में दोनों के चहेतों में तकरार पढ़ सकती है. वहीं पूर्व सांसद अक्षय यादव ने भी एक घोषणा की है.
Sirsaganj Vidhan Sabha Seat: समाजवादी पार्टी की सिरसागंज विधानसभा सीट पर इस समय बातों का संग्राम छिड़ गया है. अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव में गठबंधन जो हो गया है. सिरसागंज विधानसभा सीट पर दो उम्मीदवारों की दावेदारी है. एक हैं संतोष यादव जो कि समाजवादी पार्टी के महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बहुत ही करीब हैं तो दूसरी तरफ है वर्तमान विधायक हरिओम यादव. हरिओम भी मुलायम सिंह यादव के रिश्ते में समधी लगते हैं और शिवपाल यादव के बहुत ही करीब हैं. अब दोनों यही जद्दोजहद में लगे हैं कि टिकट विधानसभा से किसको मिलेगा.
पूर्व सांसद ने की थी अपील
दरअसल, वर्तमान विधायक हरिओम यादव काफी समय तक समाजवादी पार्टी में रहे हैं. लेकिन प्रोफेसर रामगोपाल यादव से मनमुटाव के बाद इनको राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई कारणों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था. यह शिवपाल यादव के साथ उस समय आ गये जब शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की घोषणा की थी. लेकिन पहले दो पार्टियां थी अब दोनों में गठबंधन हो गया है. इसलिए वर्तमान विधायक हरिओम यादव सिरसागंज विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. उनका कहना कि शिवपाल यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ है लेकिन 19 दिसंबर को सिरसागंज में जाटव समाज का सम्मेलन हुआ था. उसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पुत्र पूर्व सांसद अक्षय यादव ने मंच से एक अपील की थी. जिसमें कहा था कि सिरसागंज से संतोष यादव को जिताने का काम करें और मीडिया के सवाल पर भी कहा था कि अभी अधिकारिक कोई घोषणा नहीं है. लेकिन हम संतोष यादव को चुनाव लड़ाने के लिए लोगों से कह रहे हैं.
पूर्व सांसद की बात को नहीं मान रहे विधायक
समाजवादी पार्टी के फिरोजाबाद से पूर्व सांसद अक्षय यादव ने कहा था कि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, किसको कहां से टिकट दी जाएगी. लेकिन हम लोगों से अपील कर रहे हैं संतोष यादव को चुनाव लड़ाया जाए. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी हमारे साथ आ गई है हम और मजबूत हुए हैं. लेकिन पूर्व सांसद अक्षय यादव की घोषणा और अपील को वर्तमान विधायक हरिओम यादव बिल्कुल मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि अगर ऐसा कोई व्यक्ति कुछ बोल देगा तो क्या वह मान लिया जाएगा. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव की घोषणा को ही मानेंगे. सिरसागंज में तमाम यहां के स्थानीय लोग हैं क्यों बाहर के लोगों को बुलाया जाए. हम पर जनता पूरा भरोसा करती है और जनता जो फैसला लेगी हमे मंजूर है. रही बात बीजेपी की तो हम तो जनता पर निर्भर हैं अगर जनता कहेगी कि हम निर्दलीय लड़े तो हम निर्दलीय भी लड़ेंगे. हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बाहर का आदमी चुनाव लड़े यह नहीं हो सकता.
फंस चुका है पेंच
बता दें कि फिलहाल संतोष यादव और विधायक हरिओम यादव दोनों की इस सीट पर दावेदारी है. दोनों ही सैफई परिवार के बहुत ही करीब हैं. अब देखना यह होगा कि सिरसागंज विधानसभा पर फंसे इस पेंच का कब तक हल निकलता है. कौन इस प्रसपा और सपा के गठबंधन के बाद सिरसागंज विधानसभा से चुनाव लड़ता है.
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