UP Assembly Election 2022: माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जनवरी के दूसरे हफ्ते में हो सकता है. इससे पहले 3 दिनों के दौरे पर भारत निर्वाचन आयोग की 13 सदस्य टीम लखनऊ पहुंची है.चुनाव आयोग की टीम ने योजना भवन में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में 10 से ज्यादा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. तकरीबन 2 घंटे तक यह बैठक योजना भवन में चली. वहां मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा समेत चुनाव आयोग की पूरी टीम मौजूद रही. इस बैठक के दौरान अलग-अलग सियासी दलों ने अलग-अलग सुझाव दिए.
यूपी पुलिस के सहारे चुनाव न कराने की अपील
बैठक में कुछ राजनीतिक पार्टियों ने तो कानून व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़े किए और आयोग से यूपी पुलिस के सहारे चुनाव न कराने की अपील भी की. जबकि सभी दलों ने एक सुर में यह कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव अपने तय समय पर ही होने चाहिए. इसमें कहीं कोई देरी नहीं होनी चाहिए. कुछ सियासी दलों ने कई अफसरों को उनके पद से हटाने की भी मांग चुनाव आयोग के सामने रखी है. सभी सियासी दलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि कोरोना के चलते रैलियों में ज्यादा भीड़ नहीं जुटानी चाहिए.
समय पर हो चुनाव-राजनीतिक दल
बैठक में बहुजन समाज पार्टी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें साफ तौर पर यह लिखा है कि प्रदेश में चुनाव समय पर ही होने चाहिए. दूसरा कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कहा है कि जिस तरह से रैलियों और रोड शो के जरिए भीड़ जुटाई जा रही है कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे पूरा देश स्तब्ध है. वहीं चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद बीजेपी उपाध्यक्ष और एमएलसी अरविंद शर्मा ने कहा कि महिलाओ की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की बूथों पर नियुक्ति रहे. महिला वोटरों का वेरिफिकेशन हो. कोरोना के मामलों के चलते भीड़ भाड़ वाले इलाकों में पोलिंग बूथ की समीक्षा हो. एक ही परिवार के सदस्य अलग अलग बूथ पर जा रहे ये सुनिश्चित हो की एक ही बूथ पर भेजे जाएं .
गृह सचिव को हटाने की मांग
सीपीआई (एम) ने चुनाव आयोग से मुलाकात में चुनाव को समय से कराने की मांग की और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जनसभाओं पर रोक लगाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी लाखो लोगों में रैलियां कर रही है और विरोधियों को एक साथ बैठने की इजात तक नहीं है. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मांग की कि यूपी पुलिस के भरोसे यूपी में विधानसभा चुनाव नहीं हो सकते. चुनाव केंद्रीय पुलिस बल की निगरानी में हो. पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की कि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को उनके पद से हटाया जाए.
राष्ट्रीय लोक दल के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. पार्टी ने की आयोग से मांग की कि प्रत्याशी की मांग पर 50 % VVPAT का मिलान करने की अनुमति दी जाए और सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोगों पर संविधान विरोधी बात कहने पर प्रतिबंध लगाया जाए .
सपा का प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग की टीम से मिलकर निकला जिसके बाद सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि 80% वर्ष के ऊपर के मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं की सूची सभी दलों को दी जाए. क्रिटिकल बूथों की लिस्ट भी राजनीतिक दलों को दी जाए. मदादाता द्वारा मतदान के बाद सही रिजल्ट न निकलने पर दोबारा मतदान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री की जनसभाओं में जनता पर भीड़ जुटाने में दबाव डाला है उनकी लिस्ट चुनाव आयोग को दी गयी है. उन्होंने कहा कि, यूपी में कोविड नियमो का पालन करते हुए समय से चुनाव होना चाहिए .
राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बाद चुनाव आयोग की टीम ने अलग-अलग इंफोर्समेंट एजेंसियों के नोडल अफसरों के साथ भी बैठक की और इस बात पर चर्चा की कि कैसे उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए जाएं. चुनाव आयोग की टीम बुधवार को भी अलग-अलग बैठके करेगी. ये बैठकें बुधवार को तकरीबन 12 घंटे तक चलेंगी. चुनाव से पहले चुनाव आयोग का यह दौरा यूपी के लिए काफी अहम है माना जा रहा है.
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