UP Election 2022: कानपुर देहात में युवाओं की दावेदारी ने बढ़ाई दिग्गजों की परेशानी, जानिए क्यों मिल रही चुनौती
UP Elections: जनपद कानपुर देहात राजनीति का अखाड़ा बन चुका है और इस अखाड़े में पुराने दिग्गज पहलवानों का सामना नए और युवा पहलवानों से हो रहा है.
UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव हर राजनीतिक दल के लिए जितना अहम और खास बना हुआ है उतना ही अहम और खास उन दावेदारों के लिए भी बन चुका है जो कई बार विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को पूरे दमखम के साथ दिखा चुके थे. इस बार भी सैकड़ों दावेदार अलग-अलग पार्टियों में अपना अपना दमखम दिखाकर अपनी दावेदारी को पुख्ता करने में लगे हुए हैं. लेकिन इस बार राजनीतिक दलों की नजर जहां युवा चेहरों पर टिकी हुई है तो वहीं युवाओं के बढ़ते हौसले और दावेदारी ने पुराने दिग्गजों की धड़कनों को बढ़ा दिया है.
सैकड़ों दावेदार
जनपद कानपुर देहात राजनीति का अखाड़ा बन चुका है और इस अखाड़े में पुराने दिग्गज पहलवानों का सामना नए और युवा पहलवानों से हो रहा है. हम बात कर रहे हैं युवा और नए दावेदारों की. दरअसल कानपुर देहात की चार विधानसभा में हर राजनीतिक पार्टी के लिए सैकड़ों लोग अपनी अपनी 2022 विधानसभा के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं. पार्टी में लंबे समय से काम कर रहे पुराने कार्यकर्ता और दिग्गजों को इस बार अपनी दावेदारी में मुश्किलें दिख रही हैं.
युवा बढ़ चढ़कर कर रहे दावेदारी
जनपद में आए दिन हो रही राजनीतिक गतिविधियां और अलग-अलग दलों के राजनीतिक कार्यक्रमों में युवाओं का जो दमखम दिखाई दे रहा है उसे देख कर भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार जनपद से युवाओं की दावेदारी बढ़-चढ़कर हो रही है. जिसके चलते पुराने चेहरों पर मायूसी भी छाई है. बाहुबल और दमखम दिखाने की होड़ में जहां युवा आगे निकलता जा रहा है. उत्तर प्रदेश का 2022 चुनाव अहम बना हुआ है. इसको देखते हुए सवाल उठ रहा है कि अब पार्टियां युवाओं पर दाव लगाएंगी या फिर पुराने चेहरों पर ही विश्वास रखकर उन्हें पार्टी का चेहरा बनाएंगी. फिलहाल यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अभी युवाओं की जोर आजमाइश ने हर दल में खलबली मचा दी है. युवा राजनीति में सक्रिय दिख रहा है और पार्टी में अपने आप को रीढ़ की हड्डी समझने वाले पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने लोहे में जंग लगती नजर आ रही है.
पुराने दिग्गज भी कर रहे दावेदारी
कानपुर देहात से समाजवादी पार्टी के युवा नेता सौरभ अखिलेश और भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता अंशु त्रिपाठी ने 2022 विधानसभा चुनाव के लिए अपनी अपनी दावेदारी का दम भर दिया है. इसे लेकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और मध्य के चेहरों में कुछ परेशानी भी दिख रही है. बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री ने बातों बातों में अपना दर्द भी बयां कर दिया. वहीं जनपद में 2022 विधानसभा चुनाव की दावेदारी करने वाले युवा नेताओं की बात की जाए तो यह दावेदार इस बात को स्वीकार कर रहे हैं की परिणाम यदि अनुकूल नहीं पा पाता है तो या तो उसकी मेहनत में कोई कमी रह गई है या फिर उसको उस परीक्षा के लिए दोबारा पूरी मेहनत से तैयारी करनी चाहिए. जहां एक ओर सभी राजनीतिक दलों में युवाओं पर फोकस किया जा रहा है तो वहीं पुराने दिग्गज कार्यकर्ता जो कि अपनी अपनी विधानसभाओं से पार्टी से दावेदारी कर रहे हैं वे इस बात को स्वीकार कर रहे हैं और उनकी बातों से उनका यह दर्द भी झलक रहा है कि अगर उनकी दावेदारी 2022 चुनाव में पुख्ता नहीं होती है तो उनको थोड़ा सा मलाल जरूर रहेगा. वे अब सधे हुए शब्दों में यह भी कह रहे हैं कि पार्टी जिसे दावेदार चुनेगी उसे पूरी ईमानदारी से लड़ाया भी जाएगा.
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