UP News: मऊ में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले सहायक अध्यापकों का हुआ पर्दाफाश, हुई ये बड़ी कार्रवाई
UP News: मऊ जिले में दो सहायक अध्यापकों को फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने के मामले में बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है. इस फर्जीवाड़े का खुलासा विभागीय सत्यापन के दौरान उजागर हुआ.
Mau News: मऊ (Mau) में फर्जी डिग्री (Fake Degree) के सहारे नौकरी कर रहे दो सहायक अध्यापकों (Teachers) को बीएसए (BSA) ने बर्खास्त (Dismissed) कर दिया है, साथ ही बीईओ (BEO) को दोनों फर्जी अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गये हैं. यह दोनों अध्यापक 15 सालों से फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी वेतन (Government Salary) ले रहे थे, जहां विभागीय सत्यापन (Departmental Verification) के दौरान फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया. दोनों फर्जी अध्यापकों में से एक का नाम धर्मानंद भारती, वहीं दूसरे अध्यापक का नाम रामलाल यादव है.
यहां पर थी दोनों आरोपियों की तैनाती
पहले आरोपी की तैनाती मऊ जिले के बड़रांव ब्लाक के भिखारीपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में, बतौर सहायक अध्यापक धर्मानंद भारती की तैनाती 2009 में हुई थी. वह जाली शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा था. मामले में दूसरा आरोपी मऊ जिले में ही फतहपुर मंडाव ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर में सहायक अध्यापक के पद पर, रामलाल यादव 2005 से नौकरी कर रहा था.
शिकायत मिलने पर विभाग ने शुरू की थी जांच
इस संबंध में शिकायत मिलने पर विभाग ने सहायक अध्यापकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया. सत्यापन में धर्मानंद भारती का शैक्षिक और बीएड प्रमाण पत्र फर्जी मिला, जबकि रामलाल यादव का सिर्फ बीएड प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. इस मामले में बीएसए ने दोनों को अपना पक्ष रखने के लिए कई अवसर दिए, लेकिन वह बचाव में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके.
बीएसए डॉ. संतोष कुमार सिंह ने फर्जीवाड़े के संबंध में यह कहा
जिसके बाद सोमवार को बीएसए ने दोनों सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया. बता दें कि, अब तक जिले के परिषदीय विद्यालयों में बर्खास्त होने वाले शिक्षकों की संख्या 55 तक पहुंच गई है. इस संबंध में बीएसए डॉ. संतोष कुमार सिंह ने कहा कि, प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक सहायक अध्यापक धर्मानंद भारती और उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात रामलाल यादव को बर्खास्त कर दिया गया है. एफआईआर दर्ज कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है.
यह भी पढ़ें: