बरेली. आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने यूपी के बरेली से मोहम्मद इनामुल हक़ को आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते गिरफ्तार किया है. इनामुल हक़ पर आरोप है कि वो जेहादी विचारधारा का है और लोगों को ज़ेहाद के लिये उकसाता था और ट्रेनिंग देता था. एटीएस को लंबे समय से इसकी तलाश थी. जनकारी के मुताबिक अलकायदा से इसके तार जुड़े हैं.
इनामुल हक किला थाना क्षेत्र के कटघर मोहल्ले में रहता था. एटीएस को जानकारी मिली थी कि आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े कुछ आतंकी देश में ज़ेहाद फैला रहे हैं. वो युवाओं को जेहाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिसके बाद यूपी एटीएस इन जेहादी विचारधारा के लोगों की तलाश में जुट गई और दो दिन पहले एटीएस ने बरेली के कटघर इलाके से इनामुल हक़ को गिरफ्तार कर लिया. एटीएस ने उसका मोबाइल कब्जे में ले लिया है और उसके सोशल मीडिया एकाउंट खंगाले जा रहे हैं. एटीएस को खुफिया माध्यमों से यह सूचना मिली थी कि मोहम्मद शोएब उर्फ अबु मुहम्मद अल हिंदी नाम का एक व्यक्ति पूरी तरह रेडिकलाइज्ड है और वह युवकों को उकसा कर आतंकवादी संगठन के लिए भर्ती करने का प्रयास कर रहा है.
एटीएस ने जब मामले की गहराई से जांच की तो पता चला कि वास्तव में मोहम्मद इनामुल हक पुत्र स्व. नुरूल हक है, जो बरेली में कटघर स्थित पावर हाउस के निकट रहता है. सौ गज में बने इसके घर में इनामुल हक़ के अलावा उसका भाई मुनीर हक़ रहता है. दो मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर पर डॉ रियाज का क्लिनिक है जो इनामुल हक़ के चाचा हैं, और किराये पर दुकान ले रखी है. एटीएस दोनों भाइयों को पकड़कर अपने साथ लखनऊ ले गई, जहां पर इससे गहन पूछताछ की जा रही है. इनामुल हक़ के फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्ट्राग्राम से पता चला है कि ये एक जेहादी विचारधारा का है. जिस वजह से वो युवाओं को ज़ेहाद के लिए प्रेरित करता था और उन्हें आतंकी विचारधारा के लिए ट्रेनिंग करवाने की बात करता था.
संदिग्ध था व्यवहार
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये दोनो भाई किसी से कोई मतलब नहीं रखते हैं. किसी से कोई बातचीत भी नहीं करते हैं और हमेशा घर में ही रहते थे. पड़ोसियों का कहना है कि वो हैरान हैं कि उनके घर के पास में आतंकी रहता था. उसने तो इलाके का नाम ही बदनाम कर दिया. इनामुल हक़ का परिवार पंतनगर में रहता है, जबकि ये दोनों भाई 2-3 साल से यहां रह रहे थे. इनामुल के पिता पंतनगर में कृषि महाविद्यालय में जॉब करते थे और 2007 में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद इनामुल के बड़े भाई फरीद को पिता की जगह पर नौकरी मिल गई.
अलकायदा का साहित्य मिला
एटीएस को इनामुल हक के मोबाइल में प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'अल कायदा' द्वारा प्रकाशित साहित्य मिला है. एटीएस ने इनामुल हक को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध एटीएस के लखनऊ थाने में आईपीसी की धारा 121 ए तथा यूएपी अधिनियम की धारा 13, 16, 18, 18बी व 20 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. एटीएस ने उसे कोर्ट में पेश करके 10 दिनों का पुलिस रिमांड भी ले ली है. शुरुआती पूछताछ में इनामुल हक ने जेहाद के प्रति अपने लगाव और जेहाद के लिए अन्य लोगों को भी उकसाने की बात स्वीकार की. उसके पास से एक मोबाइल व दो सिमकार्ड बरामद हुए हैं. एटीएस अब उसके साथियों की तलाश में जुट गई है.
गौरतलब है कि बरेली में पहले भी कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं. इससे पहले हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामले में भी बरेली से गिरफ्तारी हुई थी. रामपुर में सीआरपीएफ कांड में भी बरेली का कनेक्शन निकला था. इसके अलावा हर बड़ी आतंकी घटना में बरेली का नाम आता है.
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