UP Crime News: अयोध्या (Ayodhya) सात साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी के मामले में अब संत समिति भी उतर आई है. संत समाज के लोगों ने प्रशासन और मुख्यमंत्री से मांग की है कि दुष्कर्म के आरोपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो. उच्च स्तरीय जांच हो साथ ही मासूम के इलाज और उसके बालिग होने तक उसकी शिक्षा-दीक्षा का खर्च सरकार उठाए. संतों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर संत समाज आंदोलन के लिए विवश होगा.
क्या है मामला
16 मार्च की देर शाम अयोध्या में एक सात वर्षीय मासूम के साथ हैवानियत की हदें पार हुई थी. जिसके 12 घंटे के अंदर ही पुलिस ने राजन मांझी नामक एक युवक को गिरफ्तार कर मुख्य आरोपी बताते हुए जेल भेज दिया था. लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खुद मासूम ने ही उठा दिया. एक वीडियो पीड़ित मासूम का वायरल हुआ. जिसमें उस घटना में शामिल तीन लोगों को बताया है और किस तरीके उसके साथ हैवानियत की हदें पार हुई थी. जिसके बाद लोग आक्रोशित हुए और सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गया है.
क्या रखी मांग
पुलिस अभी भी मुख्य आरोपी और घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इसको लेकर संत समाज में भी आक्रोश है. गंभीर अवस्था में लखनऊ में बच्ची का इलाज चल रहा है. अयोध्या की बेटी के लिए जहां लड़कियां, महिलाएं और पुरुष पिछले दो दिन से रोड शो और हाथ में तख़्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं अब हाथों में माला लेने वाले संत समाज भी सामने आ गए हैं. सात वर्षीय कन्या के साथ हुए दुराचार के मामले में संतों ने चेतावनी देते हुए आंदोलन की धमकी दी है. संतो ने कहा है कि घटना में शामिल आरोपी और उसके सहयोगियों का मुकदमा फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई की जाए और सजा हो. सजा भी कम से कम फांसी की हो और उसके साथ ही बच्ची के भरण पोषण और शिक्षा दीक्षा का खर्च सरकार उठाएं.
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