Banda News: बांदा में बीजेपी और सपा समर्थकों में लगी इस शर्त की खूब हो रही चर्चा, जानें क्या है मामला
Banda: आपने चुनाव में सट्टेबाजी की तमाम खबरें सुनी होंगी लेकिन बांदा में इस चुनाव के दौरान दो दोस्तों का एक मामला बहुत चर्चित है. इनमें एक सपा का समर्थक है दो दूसरा बीजेपी का.
UP News: आपने चुनाव में सट्टेबाजी की तमाम खबरें सुनी होंगी लेकिन बांदा (Banda) में इस चुनाव के दौरान दो दोस्तों का एक मामला बहुत चर्चित है. जहां बातों बातों में एक सपा (SP) समर्थक दोस्त ने बीजेपी (BJP) की सरकार बनने पर अपनी मोटरसाइकिल (Motorcycle) दूसरे दोस्त को देने की शर्त लगा ली.
तो वहीं दूसरे बीजेपी समर्थक दोस्त ने भी सपा की सरकार बनने पर अपना ऑटो उसको देने की शर्त लगा ली. ये सिर्फ जुबानी बातें नहीं थीं बल्कि दोनों ने अपनी शर्त को सौ के स्टांप खरीद कर उसमें दर्ज किया. जब बीजेपी की सरकार बन गई तो सपा समर्थक दोस्त को शर्त के मुताबिक अब अपने बीपेजी समर्थक दोस्त को अपनी बाइक देनी पड़ी.
कहां का है मामला
यूपी में चुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के बीच में नहीं होता बल्कि समर्थकों के बीच में होता है. जिससे जुड़े हुए तमाम रोचक मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. ताजा मामला बांदा जनपद का है. जहां जनपद के मटौंध थाना क्षेत्र के बसहरी गांव में रहने वाले दो दोस्तों के बीच चुनावी चर्चा को लेकर बड़ी शर्त लगी.
दरअसल, अलग-अलग दलों के समर्थन में दावों को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने हार -जीत को लेकर शर्त लगा ली. बसहरी गांव का रहने वाला युवक अवधेश कुशवाहा सपा का समर्थक था और उसे पूरा भरोसा था कि इस बार प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनेगी. तो वहीं इसी गांव का रहने वाला ब्रजकिशोर उर्फ बिलौटा बीजेपी का समर्थक है और उसको पक्का यकीन था कि इस बार फिर से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने वाली है. दोनों को ही अपने-अपने समर्थित दलों की जीत की पूरी उम्मीद थी. इसलिए दोनों युवकों ने अपनी सबसे जरूरी और उपयोगी चीजों को शर्त के तौर पर दांव पर लगा दी.
क्या करते हैं दोनों दोस्त
सपा समर्थक अवधेश लाइट का काम करता था. जिसके लिए वह मोटरसाइकिल से आता जाता रहता था, जो उसके लिए बहुत जरूरी थी. वहीं बीजेपी समर्थक ब्रजकिशोर उर्फ बिलौटा ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. लेकिन अपने समर्थित दल और नेताओं के प्रति इनकी दीवानगी इस हद तक थी कि उन्होंने अपने जीविकोपार्जन का साधन ही दांव पर लगा दिया.
बात इतने में ही खत्म नहीं हुई बल्कि बकायदा दोनों ने इस शर्त को सौ रूपए के स्टांप पर लिखवाया और उसमें छह गवाहों से साइन भी करवाये. ताकि बाद में शर्त के मुताबिक जो जीते उसे जीती हुई चीज मिल जाए और वह मुकरे नहीं. हुआ भी ऐसा ही जब प्रदेश में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीती तो अवधेश ने शर्त के मुताबिक अपनी बाइक बृज किशोर उर्फ बिलौटा को दे दी. इन दो दोस्तों की बीच लगी है यह अनोखी शर्त इस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
क्या बोला सपा समर्थक
अवधेश (सपा समर्थक) ने बताया कि हम लोग बैठे हुए थे तो हमारी वहां शर्त लग गई. शर्त लगने के बाद जब विश्वास नहीं हुआ तो स्टांप पेपर मंगवाए गए. स्टांप पर लिखा और शर्त लगा दिए. हम समाजवादी पार्टी के समर्थक है और वो बीजेपी के समर्थक. शर्त ये थी अगर बीजेपी जीत गई तो हमें बाइक देनी पड़ेगी और अगर सपा जीतेगी तो उसको ऑटो देना पड़ेगा. हम लोगों ने छह तारीख को अपनी अपनी गाड़ी जमा करवा दी थी.
क्या बोली सपा समर्थक की मां
वहीं सपा समर्थक अवधेश की मां रानी का कहना है कि वो वहां बैठे-बैठे शर्त लगा दिया. हमें पता ही नहीं चला, शर्त लगाने के 8-10 दिन बाद हमें पता चला. फिर हमने बेटे से कहा कि जुबान एक होती है हम बदलेंगे नहीं. तुम दोनों की शर्त लगी है तुम उसे गाड़ी दे दो. हम लोग उस मोटरसाइकिल से लाइट बेचते थे, बाजार जाते थे. अपना उसी से काम चलाते थे, अब हमने बोला है कि यहीं पर दुकान लगाओ 10 से 15 हजार रुपए लगाए हैं. अब नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन हमने गाडी दी की लोग आगे से हमारा विश्वास नहीं करते कि ये लोग अपनी जुबान के पक्के नहीं हैं.
क्या बोला बीजेपी समर्थक
ब्रजकिशोर उर्फ बिलौटा (बीजेपी समर्थक) का कहना है कि मैं बीजेपी पार्टी का समर्थक हूं. मैं ऑटो लेकर जा रहा था मुझे सवारी नहीं मिली तो मैं बैठ गया. वहां एक सपा वाला बैठा था. उसने कहा कि सरकार हमारी बनेगी तो मैंने कहा कि सरकार हमारी बनेगी. उसने कहा कि अगर मैं हार गया तो मैं अपनी मोटरसाइकिल तुम्हें दे दूंगा. तो मैंने कहा कि अगर बीजेपी हार गयी तो मैं अपने ऑटो अवधेश को दे दूंगा. सपा वाले को चाहे मुझे उसके बाद मजदूरी करनी पड़े कहीं बाहर कमाने को जाना पड़े चले जाता क्योंकि मेरा 7-8 आदमी का परिवार है.
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