Basti News: स्वास्थ्य विभाग के 300 संविदा कर्मियों को नहीं मिला EPF का कोई पैसा, RTI में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
बस्ती के स्वास्थ्य विभाग के 300 संविदा कर्मियों को ईपीएफ का कोई पैसा नहीं मिला है जबकि उनके मानदेय से कटौती हो रही है. ये खुलासा एक संविदा कर्मी द्वारा RTI में मांगी जानकारी में हुआ है
बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले सात सौ कर्मियों में से तीन सौ कर्मियों के ईपीएफ (EPF) का तकरीबन 88 लाख रुपया उनके खाते में जमा नहीं हुआ है. ये हैरान कर देने वाला खुलासा एक संविदा कर्मी द्वारा आरटीआई दायर कर अपने ईपीएफ अकाउंट का हिसाब मांगने के दौरान हुआ. वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मामले से बचते नजर आ रहे हैं. हालांकि सीएमओ डॉ चंद्रशेखर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच करवाने की बात कही है.
स्वास्थ्य विभाग में किन कर्मियों का काटा जाता है ईपीएफ
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में जिन संविदा कर्मियों का वेतन 15 हजार या उससे कम होता है उनका ईपीएफ काटा जाता है. इसमें मानदेय का 12 फीसदी ईपीएफ कर्मी का और उतना ही अंशदान विभाग का भी होता है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा 2015 में संविदाकर्मियों के मानदेय से ईपीएफ कटौती का निर्देश दिया गया था. तब से कर्मियों का ईपीएफ तो कट रहा है लेकिन संबंधितों के खाते में नहीं पहुंच रहा है. इस कारण संविदा कर्मियों को ब्याज का नुकसान उठाने के साथ ही विभाग के अंशदान का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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योजना शुरू होने से लेकर अब तक ईपीएफ खाते में नहीं आया कोई पैसा- संविदा कर्मी
वहीं आरटीआई में अपने ईपीएस अकाउंट का हिसाब मांगने वाली संविदा कर्मी सरिता का कहना है कि उसे अपने खाते का पूरा ब्यौरा चाहिए कि उसके अकाउंट में अब तक कितना ईपीएफ जमा किया जा चुका है. वहीं अन्य संविदा कर्मियों का कहना है कि योजना के शुरू होने से लेकर आज तक एक पैसा भी ईपीएफ अकाउंट में जमा नहीं किया गया है जबकि उनके मानदेय से ईपीएफ के नाम पर कटौती हर महीने की जाती है.
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
वहीं इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी एनचएम राकेश पांडेय ये कहते हुए साफगोई बच निकले कि ये पूरी जिम्मेदारी अकाउंट की है. इसके बाद जब जिला अकाउंट मैनेजर शशिमौलि रतन पांडेय से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि ईपीएफ का धन संबंधितों के अकाउंट में बराबर भेजा जा रहा है लेकिन टेक्निकल वजह से पासबुक में नहीं चढ़ पाया है. जल्दी ही समस्या का निदान हो जाएगा.
सीएमओ ने जांच करवाने की बात कही
वहीं मामले की गभीरता को समझते हुए सीएमओ डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि उनके संज्ञान में भी मामला आया है क वे इसकी जांच करवाएं. अगर सच में ऐसा कुछ पाया गया तो दोषियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई निश्चित है.
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