Uttar Pradesh News : यूपी के भदोही में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के भतीजे और पांच बार से लगातार ब्लॉक प्रमुख बने मनीष मिश्रा को भदोही पुलिस ने गिरफ्तार लिया है. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर वाराणसी पुलिस को सौंप दिया है. विधायक विजय मिश्रा पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने वाली पीड़िता को धमकी देने और भाजपा के पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के भाई की हत्या का केस दर्ज है. इसके अलावा भी उनपर गैंगस्टर सहित कुल 18 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. ज्ञात हो की विधायक चाचा भतीजे में विधायक के गिरफ्तारी के पहले से ही दोनों का विवाद भी चल रहा है. 



इन मामलों में आरोपी है मनीष मिश्रा
ब्लॉक प्रमुख रहे मनीष मिश्रा को आखिरकार भदोही पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया है. नवागत पुलिस अधीक्षक भदोही डॉ अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी मनीष के खिलाफ वाराणसी के जैतपुरा थाने में रेप पीड़िता को धमकाने और जान से मारने की धमकी का गंभीर मामला दर्ज था. आरोपी फरार चल रहा था, जिसे हमने गोपीगंज से गिरफ्तार कर लिया है. इसके ऊपर भाजपा के पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के भाई रामेश्वर पांडेय जिनकी हत्या 2001 में कर दी गई थी जिसमें यह भी आरोपी है. प्रयागराज हाई कोर्ट से गैर जमानती वॉरंट भी जारी हुआ था. और तो और इसके ऊपर विभिन्न थानों में संगीन मामले दर्ज है ये रंगदारी और गैंगस्टर सहित कुल 18 मुकदमें में आरोपी है. वहीं गिरफ्तारी के समय विधायक विजय मिश्रा के भतीजे ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा के पास से लगभग नौ लाख 65 हजार रुपये और एक लक्जरी कार भी बरामद की गई है.

नए पुलिस अधीक्षक ने दिखाए तेवर
हालांकि भदोही की सरजमीन में सियासत रोज अपना रंग बदल रही है. जिसका एक रंग बुधवार को देखने को मिला है. जिले की कमान संभालते ही नवागत पुलिस अधीक्षक ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. जिसमें ब्लॉक प्रमुख को अंततः गिरफ्तार कर लिया गया है. बुधवार के पहले ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा लगातार बिना रोकटोक हर जगह आ जा रहा था. बावजूद इसके यहां की पुलिस नहीं गिरफ्तार कर सकी थी. खैर देर आए दुरुस्त आए और खाकी ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. आगामी 2022 विधानसभा चुनाव आने तक और कितने अपराधी जेल की सलाखों के पीछे होते है ये तो आने वाला वक्त ही बता सकता है. 


ये भी पढ़ें-


UP Election 2022: कांग्रेस ने महिलाओं के लिए जारी किया घोषणा पत्र, जानें इसकी 10 बड़ी बातें


UP Election 2022: मुसलमानों को लेकर क्या रणनीति बना रहा है उत्तर प्रदेश का विपक्ष?