Bhupendra Chaudhary Profile: भूपेंद्र सिंह चौधरी ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़ा था चुनाव, ऐसे BJP में हुई थी एंट्री
भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) को बीजेपी (UP BJP) ने यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. हम उनके राजनीतिक करियर के बारे में आपको बताते हैं.
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UP News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी (UP BJP) ने राज्य के नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान कर दिया है. पार्टी ने राज्य सरकार में पंचायती राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. भूपेंद्र सिंह चौधरी पश्चिमी यूपी रहने वाले हैं और वे जाट समुदाय से आते हैं. वे वर्तमान में यूपी विधान परिषद (MLC) के सदस्य भी हैं. जबकि इससे पहले भी वे 2016 में बीजेपी के एमएलसी चुने गए थे. हम उनके अब तक के करियर पर नजर डालते हैं.
भूपेंद्र सिंह चौधरी, का जन्म मुरादाबाद के महेंद्री सिकंदरपुर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. यहीं जिले के मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की है. उनका अपने गृह जिले से जुडाव बना हुआ है. वहीं जाट समुदाय में भी अच्छी पड़क रखते हैं.
राजनीति में एंट्री
अगर नए प्रदेश अध्यक्ष के राजनीतिक करियर की बात करें तो इसकी शुरूआत विश्व हिंदू परिषद से हुई थी. वीएचपी से ही वो बीजेपी में आए हैं. उन्होंने 1991 में बीजेपी ज्वॉइन की थी. पिछली बार पार्टी ने उन्हें 2016 में पहली बार यूपी विधान परिषद का सदस्य चुना गया है. इसके पहले वे बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.
बताया जाता है कि बीजेपी पश्चिमी यूपी में जाट समाज को साधने की तैयारी में लगी हुई है. वहीं भूपेंद्र चौधरी की जाट समाज और पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ है. ऐसे में उन्हें राज्य में बीजेपी की कमान सौंपी गई है. इससे पहले वे संगठन में लंबे समय तक काम चुके हैं. भूपेंद्र चौधरी 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वे उस चुनाव में हार गए थे.
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क्या है पार्टी की रणनीति?
भूपेंद्र चौधरी को यूपी में पार्टी की कमान सौंपकर पश्चिमी यूपी में आरएलडी-सपा के गठबंधन का असर कम करने की भी रणनीति मानी जा रही है. बीजेपी को 2022 के चुनाव में राज्य के जिस इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, वो पश्चिमी यूपी के सहारनपुर से लेकर मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, बरेली और रामपुर है. चौधरी इसी क्षेत्र से आते हैं.
बताया जा रहा है कि इससे पश्चिमी यूपी की जाटों के प्रभाव वाली डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों पर बीजेपी को फायदा हो सकता है. जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी करीबी माना जाता है. इसके अलावा आरएसएस के पुराने स्वयंसेवक हैं, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जाट चेहरा लाकर बीजेपी जहां किसान आंदोलन के कारण पार्टी से दूर माने जा रहे जाटों और किसानों को साध सकती है तो पश्चिमी यूपी में पार्टी का आधार और मजबूत कर सकती है.
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