Chaitra Navratri 2022: मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं. नवरात्रि के समय पूरे नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. ये त्योहार सालभर में चार बार मनाया जाता है, लेकिन इनमें सबसे प्रमुख चैत्र व शारदीय नवरात्रि है. इस नवरात्र से ग्रीष्म ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है. कहते हैं नवरात्रि में मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मां दुर्गा की आराधना के लिए कुछ मंत्र है जिसका जाप करने से मां खुश होती हैं और हमारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं मां दुर्गा मंत्र.
अपने कल्याण के लिए
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंम्बके दवी नारायणी नमोस्तुते।।
सौभाग्य की प्राप्ति के लिए
वन्दि ताङ्घ्रियुगे देवि सर्वसौभाग्य दायिनि।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्वषो जहि।।
समस्त बाधाओं से मुक्ति के लिए
शुम्भस्यैव निशुम्भस्य धूम्राक्षस्य च मर्दिनि।
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
बीमारियों से मुक्ति के लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
जगत के कल्याण के लिए
विधेहि देवि कल्याणं विदेहि परमां श्रियम।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि यशो जहि।।
चैत्र माह की शुरुआत होते ही भक्तों को नवरात्रि का इंतजार शुरू हो जाती है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं. 2 अप्रैल से चैत्र माह के नवरात्रि की शुरुआत होगी और 10 अप्रैल तक चलेंगे. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां की पूजा से विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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