UP News: दुनिया भर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एडवाइजरी जारी की है. मंकीपॉक्स को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने राज्य के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों और जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है.
क्या है एडवाइजरी?
स्वास्थ्य अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने का निर्देश दिया गया है. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहने की जरूरत है, जब तक कि उन्हें रैशेज वाली जगह पर नई त्वचा न मिल जाए या डॉक्टर आइसोलेशन खत्म करने की सलाह न दें. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी एडवाइजरी में निर्देश दिया गया है कि बुखार और शरीर पर चकत्तों से संबंधित मरीजों की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से साझा की जाए.
बिमारी के बारे में कही गई ये बात
एडवाइजरी में कहा गया है, "मंकीपॉक्स के मरीजों में अधिकांश बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फनोड्स जैसे लक्षण पाए जाते हैं. जिनके कारण अनेक प्रकार की चिकित्सीय जटिलताएं हैं. मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित बीमारी है, जिसके लक्षण सामान्यतः दो से चार सप्ताह तक प्रदर्शित होते हैं. परन्तु कुछ रोगी गंभीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं. इस बीमारी में मृत्युदर 1-10 प्रतिशत तक हो सकती है. मंकीपॉक्स जानवरों से मानवों में और फिर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है."
इस रोग का इनक्यूबेशन पीरियड आम तौर पर 7 से 14 दिन का होता है. लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है. इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है. संक्रमित व्यक्ति चकत्तों के दिखने से 1-2 दिन पहले से सभी चकत्तों की पपड़ी गिरने तक संक्रमित रहता है.
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