UP Politics: राजस्थान में मंत्री की उपचुनाव में हार से ताजा हुआ यूपी का 53 साल पुराना वाकया, गई थी सीएम की कुर्सी
राजस्थान में मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह (Surendra Pal Singh) के उपचुनाव में हार के बाद 53 साल पुराना वाकया ताजा हो गया है. तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी चली गई थी.
UP News: राजस्थान के आईजीएनपी और कृषि विपणन राज्यमंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टी.टी. ने श्रीकरणपुर विधानसभा चुनाव में हार के बाद सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बतौर उम्मीदवार चुनाव से पहले मंत्री पद की शपथ लेकर उन्होंने इतिहास रचा था. हालांकि 53 साल पहले यूपी में इससे भी एक दिलचस्प घटना हुई थी. तब टीएन सिंह को हार का सामना करना पड़ा था, तब वो राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
दरअसल, ये पूरी सियासी घटना 70 के दशक की है. तब विधानसभा सदस्यता नहीं होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष ने टीएन सिंह को मुख्यमंत्री बनना दिया था. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उपचुनाव में अपनी दावेदारी की. उस वक्त इंदिरा गांधी उनके खिलाफ चुनाव प्रचार भी किया था और इस उपचुनाव में टीएन सिंह को हार का सामना करना पड़ा था.
इस सीट वजह से हुआ था उपचुनाव
टीएन सिंह ने गोरखपुर की मानीराम विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा था. ये सीट गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के इस्तीफे से खाली हुई थी. उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और इसके बाद मानीराम विधानसभा की विधायकी से इस्तीफा दिया था. बाद में उपचुनाव हुआ और कांग्रेस (ओ) ने टीएन सिंह को इसी सीट पर उम्मीदवार बनाया. लेकिन वो उपचुनाव में हार गए थे. उनकी हार की मुख्य वजह कांग्रेस की गुटबाजी को बताया गया था.
इस चुनाव में विरोधी गुट के खिलाफ प्रचार करने के लिए इंदिरा गांधी खुद आईं थी. राजनीति के जानकारी बताते हैं कि इंदिरा गांधी के प्रचार करने के बाद ही इस उपचुनाव का रुख बदल गया था. उस समय टीएन सिंह इंदिरा गांदी के खिलाफ चंद्रभानु गुप्ता के गुट में थे. कांग्रेस में दो गुट होने के बाद चौधरी चरण सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था और टीएन सिंह को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
अब राजस्थान की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रूपिंदर सिंह कूनर ने मंत्री को 11,283 वोटों के अंतर से हराया है. मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने "जनादेश को खुशी से स्वीकार किया और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. फिर भी वह निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए समर्पित रहेंगे."