Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शनिवार को कहा कि शामली (Shamli) और बिजनौर (Bijnor) जिलों में प्रादेशिक सशस्त्र बल(पीएसी) की नई बटालियन (PAC battalion) स्थापित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन और महिला बटालियन की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है. पीएसी के स्थापना दिवस पर 35वीं वाहिनी पीएसी में आयोजित समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ (Lucknow) , गोरखपुर (Gorakhpur), बदायूं (Badaun) में स्थापित की जाने वाली तीन महिला बटालियन में से प्रत्येक के लिए 1,262 पद स्वीकृत किए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 1029 पद, लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा के लिए 433 पद और नोएडा मेट्रो के लिए 381 पद भी राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र सरकार बल को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और पीएसी की 17 बाढ़ राहत कंपनियों के लिए मोटर बोट और उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से धनराशि स्वीकृत की गई है. उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए 645 प्लाटून कमांडर को यातायात उप निरीक्षकों के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है, जबकि 75 प्लाटून कमांडर तथा 301 प्रधान आरक्षकों को यातायात प्रशिक्षण हेतु भेजा गया है.
पीएसी ने तत्पर होकर किया काम-सीएम
सीएम ने कहा पीएसी के 90 फीसदी जवानों को अदालतों और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए गठित एसएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है. पीएसी से 997 कर्मियों को जेल वार्डन के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है. आदित्यनाथ ने कहा कि पीएसी को इसके शौर्य व पराक्रम के लिए जाना जाता है और न सिर्फ उप्र, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए पीएसी ने सदैव तत्पर होकर कार्य किया.
पीएसी ने किया सर्वोत्तम करने का प्रयास-सीएम
सीएम ने कहा कि उप्र पीएसी बल को जब भी अवसर मिला, उसने सर्वोत्तम करने का प्रयास किया. किसी भी बल की पहचान उसके शौर्य, पराक्रम के साथ कीर्ति से जानी जाती है. यह उप्र पीएसी बल के साथ जुड़ चुका है. उन्होंने 74 वर्ष की शानदार यात्रा के लिए पीएसी के सभी अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई दी. मुख्यमंत्री के सामने पीएसी के जवानों ने पीटी, मलखंभ, जिम्नास्टिक, बैंड व कमांडो ने दक्षता को लेकर हैरतअंगेज प्रदर्शन भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े पांच वर्ष के दौरान उप्र पुलिस में 1.60 लाख भर्तियों की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न करने के साथ अच्छे प्रशिक्षण और प्रशिक्षण क्षमता को दोगुना किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि किन्ही कारणों से 46 कंपनियां समाप्त कर दी गई थीं, लेकिन उन्हें फिर से बहाल करते हुए प्रदेश में पीएसी में 41 हजार से अधिक कार्मिकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया गया.