Varanasi Flood: मुख्यमंत्री योगी दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे और बाढ़ की पानी मे उतरकर देखा. सीएम ने बाढ़ राहत कैम्प का निरीक्षण किया और पीड़ितों को बाढ़ राहत सामग्री का वितरण करने के बाद अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. उन्होंने काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाकर आशीर्वाद भी लिए.
वाराणसी बाढ़ से कराह रही है. सीएम जैसे ही काशी पहुंचे सबसे पहले पानी मे उतरकर स्थिति को जाना. इस दौरान उनके साथ मंत्री रविन्द्र जायसवाल नीलकंठ तिवारी के अलावा वाराणसी के जिलाधिकारी और कमिश्नर साथ थे. एनडीआरएफ की टीम के साथ सीएम नौका पर सवार हुए और सरैया क्षेत्र में उतरकर बाढ़ राहत कैम्प पहुंचे.
सीएम ने जानी बाढ़ राहत कैम्प की हकीकत, बांटी सामग्री
काशी में बाढ़ से राहत के प्रयास को तेज करने आये सीएम जब सरैया बाढ़ राहत कैम्प पहुंचे तो सबसे पहले कैम्प के भीतर व्यवस्था का जायजा लिया कैम्प में मौजूद छोटी बच्ची से भी हाल जाना. उसके बाद बाहर निकले और राहत सामग्री का वितरण किया. मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति एवं प्रभावित लोगों के सहायता एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की.
योगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मिर्जापुर, भदोही व चंदौली के बाढ़ कार्यों की समीक्षा की और निर्देश देते हुए कहा कि आपदा में धन की कमी नहीं है, सही समय पर पात्र तक सहायता पहुंचे. बाढ़ आपदा प्रभावित व्यक्ति से सहानुभूति व संवेदनशीलता से व्यवहार करें. सीएम ने कहा राहत सामग्री से कोई पीड़ित व्यक्ति वंचित नहीं रहे. बाढ़ प्रभावित फसल क्षेत्र का सर्वे कराकर बीमा योजना में सहायता करें. बाढ़ प्रभावित हर गांव/वार्ड के लिए अलग नोडल अधिकारी नामित करें. बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति सतर्कता रखें, महिला आरक्षित तैनात करें. बाढ़ क्षेत्रों, खाली हुए घरों के क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाएं. लोगों की सतर्कता के प्रति सावधान करें.
सीएम ने कहा- सबसे ज्यादा मिर्जापुर जनपद प्रभावित
सीएम योगी ने कहा बाढ़ से सर्वाधिक मिर्जापुर जनपद प्रभावित हुआ है. वाराणसी में बड़ी आबादी इसकी चपेट में आई है. मिर्जापुर में 141 गांव प्रभावित हैं, जिसमें आबादी ज्यादा प्रभावित हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कमांड कंट्रोल रूम का अच्छा उपयोग हुआ था, इसे बाढ़ राहत, सूचना के आदान-प्रदान में उपयोग कर सकते हैं. सभी चारों जिलों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि हर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करें. राहत कार्य तत्काल उपलब्ध कराएं. बाढ़ क्षेत्रों में नावों की समुचित संख्या में व्यवस्था रखें.
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड, राजस्थान, बुंदेलखंड क्षेत्र आदि में भारी वर्षा होती है, तो उसका प्रभाव गंगा नदी में आता है जो वाराणसी पर असर डालेगा. पूरे सितंबर तक बाढ़ के खतरे से अलर्ट रहें. राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग ले. जिन घरों में पानी भरा है, वहां खाना पैकेट, पेयजल व्यवस्था करें. इसके अलावा, जिन्हें जरूरत हो एलपीजी सिलेंडर भिजवाए. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लोगों को गर्म पानी के सेवन को जागरूक करें. प्रकाश के लिए पेट्रोमैक्स व अन्य साधनों की व्यवस्था करें. जब बाढ़ पानी नीचे निकलेगा तब स्वास्थ्य, पंचायत व नगर विकास को सतर्क रहना होगा. वहां स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्वच्छ पेयजल उपलब्धता का कार्य करना होगा.
योगी ने कहा कि बाढ़ से जहरीले कीड़े, कुत्तों की समस्या के दृष्टिगत एंटी स्नेक, एंटी रेबीज वैक्सीन क्षेत्रों में तैयार रखें. बाढ़ चौकी, राहत शिविर 24 घंटे सक्रिय है, राहत शिविरों में महिलाओं व बालिकाएं के प्रति सतर्कता रखें.
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