नोएडा,एबीपी गंगा। बुर्के पर बैन को लेकर भारतीय राजनीति का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। भारत में प्रतिबंध लगाने की मांग पर इस बहस छिड़ी हुई हैं। केरल की एक सोसायटी द्वारा कॉलेज में बुर्के पर बैन लगाये जाने के बाद कई राजनीतिक दल इसके समर्थन में तो कई विरोध में उतर आए हैं। शिवसेना ने मांग की है कि भारत में इस पर रोक लगाई जाए। एबीपी गंगा से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी।


एबीपी गंगा द्वारा पूछे गये सवाल कि बुर्के को लेकर सियासत चल रही है, शिवसेना इस पर बैन की मांग कर रही है।उन्होंने इस पर जवाब देते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए ईमानदारी से काम होना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि आधी आबादी को नजरअंदाज कर हम विकास नहीं कर सकते। उन्होंने इस मसले पर सीधे बयान देने से बचते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 'ट्रिपल तलाक' और हलाला जैसी रुढ़िवादी परंपराओं को खत्म करने के लिए बहुत काम किया। यही नहीं इन जैसे अंधविश्वास जब खत्म हो जाएंगे तो अन्य कुप्रथाएं भी बंद हो जाएंगी।


कैसे उठी बुर्के पर बैन की मांग

श्रीलंका में ईस्टर पर हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद वहां बुर्के पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद भारत में भी बुर्के को लेकर राजनीति लगातार बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि केरल की मल्लापुरम् स्थित मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी ने कॉलेज परिसर में लड़कियों के बुर्के पहनने और मुंह ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही लड़कियों को कॉलेज में बुर्का पहनकर आने से भी मना कर दिया गया है।