UP Politics: यूपी से पहले इन राज्यों के प्रभारी रहे चुके हैं अविनाश पांडेय, 40 साल से कांग्रेस में एक्टिव, हाईकमान के हैं करीबी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नए प्रभारी के तौर पर अविनाश पांडेय अब प्रियंका गांधी की जगह लेंगे. अविनाश पांडेय पहली बार कांग्रेस के टिकट पर महाराष्ट्र से विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने थे.
UP News: लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की जगह अविनाश पांडेय को उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रभारी बना दिया है. कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दो दिन शनिवार को पार्टी ने प्रमुख संगठनात्मक बदलावों की घोषणा की. यूपी का प्रभारी बनाए जाने से पहले भी अविनाश पांडेय ने कई अहम जिम्मेदारी पार्टी के लिए निभाई है.
अविनाश पांडेय अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं, इससे पहले उन्हें राजस्थान में चुनाव निरीक्षक बनाया गया था. जबकि यूपी से पहले अविनाथ पांडेय गुजरात और झारखंड के भी प्रभारी रह चुके हैं. अविनाश पांडेय पहली बार 1985 में विधायक बने थे, तब उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था. महाराष्ट्र से ही उन्होंने पहली बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन एक वोट से हार गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें 2010 में राज्यसभा भेंजा.
यूपी में पहले भी निभा चुके हैं जिम्मेदारी
इतना ही नहीं यूपी में अभी पहले उन्हें पार्टी के लिए काम किया है. बीते विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी में कांग्रेस के घोषणा पत्र कमेटी का प्रभारी अविनाश पांडेय को ही बनाया गया था. कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि प्रियंका गांधी बिना किसी विभाग के पार्टी महासचिव बनी रहेंगी. प्रियंका गांधी की जगह अविनाश पांडे को लिया गया है, जो अब उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी होंगे. सीडब्ल्यूसी की बैठक के ठीक दो दिन बाद प्रमुख नियुक्तियों की घोषणा की गई है.
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने की थी. इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपालऔर अन्य भी मौजूद थे. पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का कदम उन अटकलों के बीच उठाया गया है कि विपक्षी दल इंडिया आम चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतार सकता है.
बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इंडिया ब्लॉक की बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने का सुझाव दिया था. हालांकि 2019 में भी ऐसी ही मांग ने जोर पकड़ा था.