UP Transfer News: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने स्वास्थ्य विभाग में मौजूदा सत्र में हुए तबादलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किये गये हैं उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णत: पालन नहीं किया गया है. उन्होंने अपर मुख्‍य सचिव (एसीएस) चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य को कारण स्पष्ट करते हुए संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं.


राज्य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्‍याण और मातृ शिशु कल्‍याण विभाग संभाल रहे उप मुख्‍यमंत्री पाठक ने मौजूदा सत्र में हुए स्थानांतरण की खामियों का जिक्र करते हुए सोमवार को अपर मुख्‍य सचिव, चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य को पत्र लिखकर जवाब मांगा है. पाठक का यह पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है.


जून में मिली थी नई नीति को मंजूरी
इस बारे में पूछे जाने पर ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को बताया, ‘‘मुझे पता चला है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किये गये हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णत: पालन नहीं किया गया है. इसलिए जिसका भी स्थानांतरण किया गया है उनके स्थानांतरण किये जाने का कारण स्पष्ट करते हुए अपर मुख्‍य सचिव से उनका संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने को कहा है.’’


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्यक्षता में जून में पहले पखवाड़े में मंत्रिपरिषद की बैठक में स्थानांतरण सत्र 2022-23 के लिए तबादला नीति को मंजूरी दी गई थी.


स्वास्थ्य महकमे में हुए तबादलों की शिकायत मिलने के बाद एसीएस को भेजे अपने पत्र में पाठक ने कहा, ‘‘मुझे यह भी बताया गया है कि लखनऊ सहित राज्य के अन्य जिलों में स्थित बड़े अस्पतालों जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की अत्यंत आवश्यकता है, वहां से बड़ी संख्या में डॉक्टरों को हटा तो दिया गया है, लेकिन उनके स्‍थान पर नियुक्तियां नहीं की गई हैं.’’


डिप्टी सीएम ने तबादलों पर चिट्ठी में कही ये बात
तबादलों की खामियों को गिनाते हुए उप मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है, ‘‘लखनऊ प्रदेश की राजधानी है, यहां ऐसे भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की पहले से ही कमी है और राज्य के हर जिले से गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर किया जाता है ताकि उनका समुचित इलाज संभव हो सके.’’ उन्होंने पूछा, ‘‘इतने महत्वपूर्ण और बड़े अस्पतालों और अन्य जिलों के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों का स्थानांतरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को नियुक्त नहीं करने से चिकित्‍सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है.’’


उप मुख्‍यमंत्री ने अपर मुख्‍य सचिव से यह भी पूछा है कि जिन जिन डॉक्टरों का तबादला किया गया है, क्या यह सत्यापित कर लिया गया है कि स्थानांतरित डॉक्टरों की अवधि से अधिक समय से तैनात कोई भी चिकित्‍साधिकारी उस जिले, मंडल और अस्पताल में अब कार्यरत नहीं है. उन्होंने सम्‍बद्ध चिकित्‍सा अधिकारियों का विवरण समेत पूरा ब्यौरा मांगा.


योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पहली सरकार (2017-2022) में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रजेश पाठक ने वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल महीने में अपर मुख्‍य सचिव को पत्र लिखकर लखनऊ की अव्यवस्था का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई थी. योगी के दूसरे कार्यकाल में उप मुख्यमंत्री बनाये गये पाठक को चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्‍याण और मातृ शिशु कल्याण विभाग की जिम्मेदारी मिली है.


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