Uttar Pradesh News: यूपी में निजी प्रैक्टिस करने वाले दो सरकारी डॉक्टरों पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने मंगलवार को निजी प्रैक्टिस करने वाले दो सरकारी डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. पाठक ने ट्वीट करके जानकारी दी, ‘‘गौतमबुद्धनगर में एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एवं बाराबंकी में एक चिकित्साधिकारी के प्राइवेट प्रैक्टिस में संलिप्त होने के दृष्टिगत मेरे द्वारा दोनों चिकित्साधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है.’’ साथ ही उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यों में संवेदनहीनता व आम जनमानस के स्वास्थ्य को व्यापार समझने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
जिला अस्पतालों का किया दौरा
डिप्टी सीएम पाठक मंगलवार को विभिन्न जिलों में जिला अस्पतालों का दौरा कर वहां की समीक्षा कर रहे थे. इस बाबत पूछने पर जनपद गौतमबुद्धनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि अभी तक शासन स्तर से इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकती है. बर्खास्त किए गए डॉक्टरों के खिलाफ निजी प्रैक्टिस के आरोपों की जांच की जा रही थी. बता दें कि इनमें एक डॉक्टर बाराबंकी तो दूसरा गौतमबुद्धनगर में कार्यरत था. चेतावनी के बाद भी वे निजी प्रैक्टिस कर रहे थे.
डिप्टी सीएम ने दी सख्त चेतावनी
बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में बाराबंकी के रामसनेही घाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश कुमार वर्मा और गौतमबुद्ध नगर के दनकौर सीएचसी में चिकित्साधिकारी डॉक्टर विजय प्रताप सिंह हैं. इनके खिलाफ 2015 में शिकायत मिली थी. डॉक्टर राजेश कुमार को 2017 में निलंबित किया गया था. बावजूद इसके वे प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे. इस मामले की फिर से जांच कराई गई, जिसके बाद सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया. डॉक्टर विजय प्रताप को भी जांच में दोषी पाया गया, जिसके बाद उनपर भी कार्रवाई की गई है. कार्रवाई के साथ ही डिप्टी सीएम ने सख्त चेतावनी दी है.