DM e-कॉन्क्लेव: 'लखनऊ में दवाइयों और सुविधाओं की कमी नहीं, अफवाह फैलाने वालों पर हो रहा एक्शन'
एबीपी गंगा पर DM e-कॉन्क्लेव में राजधानी लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश भी जुड़े. उन्होंने बताया कि लखनऊ में ऑक्सीजन हमारी डिमांड 140 टन की है और आपूर्ति अभी 160 टन है.
वाराणसी के बाद लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश DM e-कॉन्क्लेव से जुड़े हैं. डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि लखनऊ के शहरी क्षेत्र की आबादी 50 लाख के करीब है और ग्रामीण इलाकों में भी आबादी करीब 25 लाख है.
लखनऊ में अप्रैल में पॉजिटिविटी रेट पीक पर था, जो करीब 30 के ऊपर गया था. वर्तमान में 14 मई को पॉजिटिविटी रेट चार से नीचे आ गया है. अब 24 घंटे में करीब 650 के करीब नए केस आ रहे हैं. हम ट्रिपल टी फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं. प्राइवेट लैब्स में हमेशा टेस्टिंग हुई है, इसके साथ ही घर-घर जाकर भी सैंपल लिए हैं. हमारे पास 211 आरआरटी हैं, इसके साथ ही चेतक आरआरटी की भी व्यवस्था की है. इसके साथ ही 35 से ज्यादा प्राइवेट लैब्स लगातार काम कर रही हैं. अगर कोई पॉजिटिव दिखता है और कोई भी लक्षण दिखता है तो आरआरटी टीम उसे दवाई की किट देकर इलाज शुरू कर देती है.
अस्पतालों में ऑक्सीजन का बैकअप- डीएम
लखनऊ में ऑक्सीजन हमारी डिमांड 140 टन की है और आपूर्ति अभी 160 टन है. ऑक्सीजन का अस्पतालों को बैकअप 36 घंटे तक है. बीच में जरूर कुछ दिक्कतें भी आयीं, कुछ लोगों ने इसे लेकर अफवाहें भी फैलायी गईं. आज लखनऊ में रोज सुबह ऑक्सीजन की स्थिति समीक्षी की जाती है.
24 घंटे काम कर रहा कंट्रोल रूम
लखनऊ का कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहा है, इसमें वरिष्ठ अधिकारी और डॉक्टर भी शामिल हैं. इसके साथ ही सिर्फ ऑक्सीजन के लिए अलग से कंट्रोल रूम बना रखा है. हम कुछ एनजीओ के संपर्क में भी हैं, यह लोग जिन्हें जरूरत हैं उन तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. कोरोना से जुड़ी दवाइयों के लिए डॉक्टर का पर्चा जरूरी है. इसके साथ ही नजर रखी जा रही है कि कोई जरूरी दवाओं की जमाखोरी या कालाबाजारी तो नहीं कर रहा. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. लखनऊ में दवाइयों और सुविधाओं की कोई कमी नहीं है.
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