DM e-कॉन्क्लेव में वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि वर्तमान में वाराणसी में एक्टिव केस सिर्फ 7700 हैं. पीक के समय यह संख्या 26-27 हजार के करीब हुआ करती थी. जो अभियाान चलाए हैं उनका परिणाम हुआ कि संक्रमण भी घटा और बेड और बाकी सुविधाओं को बढ़ाने में भी मदद मिली है. शुरू में हमें 10-12 एंबुलेंस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 38 किया गया. एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम घटाकर आठ से दस मिनट है. बड़े अस्पतालों में हमने हेल्प डेस्क भी बनायी, इनसे जुड़े लोग एंबुलेंस से मरीज को उतारने में मदद करते थे और रिस्पॉन्स टाइम को घटाने में मदद करते थे. 


रेमडेसिविर को लेकर गुजरात की कंपनी से करार- डीएम
जहां तक रेमेडेसिविर की बात है तो वारणसी में अब तक औसत 700 रेमडेसिविर रोजाना बांटी है. हमें सरकारी सप्लाई मिलती थी, इसके अलावा हमने गुजरात की एक कंपनी के साथ भी रेमडेसिविर को लेकर करार किया था. रेमडेसिविर को लेकर हमने अस्पताल में उपलब्धता और कीमत को लेकर जानकारी दी. राज्य सरकार से आपूर्ति बढ़ने के बाद हमने अब कलेक्ट्रेट में स्टॉल लगाए हैं, कोई डॉक्टर का पर्चा लेकर रेमडेसिविर ले सकता है. 


"कोरोना किट 400 रुपये में उपलब्ध कराई"
जिले में कालाबाजारी के के सिर्फ दो चार मामले ही सामने आए. हमने कोरोना की किट 400 रुपये में कुछ निश्चित दुकानों पर उपलब्ध करवाई. वाराणसी में कोरोना कर्फ्यू, ग्रामीण इलाकों में दवाइयों का वितरण और बेड की संख्या बढ़ाने से भी कोरोना संक्रमण को कम करने में मदद मिली है. जो पॉजिटिविटी रेट बढ़ 38 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी वो अब दस प्रतिशत से नीचे आ गयी है. अभी कुल ढाई हजार के करीब बेड हैं जिनमें से एक हजार बेड खाली हैं. 


उन्होंने कहा, "गंगा में शवों की खबरें आने के साथ ही हमने सभी को सक्रिय कर दिया था. हम लोगों ने गांव स्तर पर टीम लगाकर हमने इस पर नियंत्रण किया. मिर्जापुर में जहां गंगा एंटर होती है और गाजीपुर में जहां से गंगा निकलती हैं वहां तक पांच चेक पोस्ट बनवाए. गंगा में नए शव ना बहाए जाएं उसे लेकर भी तैयारियां की गयी हैं. अगर कोई शव मिलता है को उसे सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करवाया जाए." 


पीएम के मार्गदर्शन में हो रहा काम- डीएम
डीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोविड के पहले दिन से हमें मार्गदर्शन मिल रहा है. पीएमओ के अधिकारी लगातार हमारे संपर्क में हैं. प्रधानमंत्री जी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्थिति की समीक्षा की. यहां से रिपोर्ट लगातार प्रधानमंत्री जी से पास भेजी जाती हैं. ऑक्सीजन की आवश्यकता होने पर वाराणसी जिले 1050 सिलेंडर अपने लिए खरीदे. 20 वेंटिलेटर यूपी सरकार से मिले, 25 वेंटिलेटर भारत सरकार से मिले. 30 अप्रैल को वाराणसी के एक अस्पताल में लग गया था. इसके अलावा दो अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गया है. तीसरी लहर को लेकर भी प्रधानमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं, उन पर काम हो रहा है.