UP Private School Fees News: उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की परमिशन दे दी है. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की फीस बढ़ाने पर लगी रोक हटा दी है. मिली जानकारी के अनुसार महामारी एक्ट खत्म होने के चलते शिक्षा विभाग ने फीस बढ़ाने पर लगी रोक हटाई है. अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने फीस बढ़ोतरी का आदेश जारी किया है.


आदेश के अनुसार साल 2019-20 के फीस स्ट्रक्चर को आधार वर्ष लेते हुए शुल्क वृद्धि होगी. आदेश में कहा गया है कि अगर किसी छात्र, संरक्षक, अभिभावक अध्यापक एसोसिएशन को बढे शुल्क से समस्या तो जिला शुल्क नियामक समिति को शिकायत कर सकेंगे.


आदेश में कही गई यह बातें
आदेश में कहा गया "छात्रहित और जनहित में शैक्षणिक सत्र 2020-21 और साल 2021-22 में शुल्क वृद्धि के शासनादेश जब जारी किये गये थे उस समय आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 लागू था. लॉकडाउन के कारण अनेक अभिभावकों के रोजगार प्रभावित हुये थे. अभिभावक फीस देने में सक्षम नहीं थे."


आदेश में कहा गया- "इसी तरह मौजूदा शैक्षणिक सत्र में शुल्क वृद्धि ना किये जाने का शासनादेश दिनांक 7 जनवरी को जब जारी किया गया था, उस वक्त कोविड-19 की तीसरी लहर थी. आदेश के अनुसार विद्यालयों में फिजिकल पढ़ाई थी और कोरोना के मामलों की दर में वृद्धि हो रही थी. हालांकि अब स्थिति सामान्य हो रही है."


आराधना शुक्ला द्वारा जारी आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम की धारा 4 (1) तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नियमानुसार फीस बढ़ाई जा सकती है.


किस आधार पर बढ़ेगी फीस?
आदेश में उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2019-2022 में 'x' वार्षिक शुल्क होने की दशा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शुल्क वृद्धि नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक वृद्धि की गणना की जाय. आदेश में कहा गया है कि छात्रों से वर्ष 2019-2022 में लिये गये वार्षिक शुल्क 'x' के 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि न की जाय.


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