Kanpur News : सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर घर तक साक्षरता की ज्योति जलाना चाहती है. उसके लिए सरकार खुद को पूरी तरीके से तत्पर भी समझ रही है. सर्व शिक्षा अभियान के चलते जहां एक और शिक्षा विभाग सरकार की योजनाओं को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ चलाने का दावा कर रही है. तो वहीं कानपुर देहात के सरकारी स्कूलों की तस्वीरें सरकार के दावों और योजनाओं को मिट्टी में मिलाती नजर आ रही है.


अकबरपुर ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल का ये हाल
कानपुर देहात के सरकारी स्कूलों का सर्व शिक्षा अभियान के नारे की तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है. दरअसल सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की जहां एक ओर पुरजोर कोशिश करती नजर आती है. तो वहीं जिले के शिक्षा विभाग से निकलकर आने वाली तस्वीरें बेहद हैरान और शर्मसार करने वाली हैं. बात कानपुर देहात का अकबरपुर ब्लॉक की प्राथमिक स्कूल की हो रही हैं. जहां स्कूलों में पढ़ने वाले मासूम नौनिहालों से रोज कक्षाएं शुरू करने से पहले हाथों में झाडू पकड़ा दी जाती है. उसके बाद जिस परिसर में सब पढ़े सब बढ़े की तस्वीर दिखाई देनी चाहिए थी वहां पर स्वच्छता अभियान की तस्वीर नजर आ रही है. दरअसल इस स्कूल में बच्चों से झाडू लगाई जा रही है. यह इत्तेफाक एक दिन की बात नहीं अमूमन हर दिन का ऐसा ही हाल है. 




उच्च विद्यालय में भी झाडू ला रहे छात्र
वहीं जिले के दूसरा स्कूल कानपुर देहात का यह उच्च प्राथमिक विद्यालय है. वहां का भी हाल कुछ पिछले स्कूल जैसा ही है. प्रिंसिपल साहब के पीछे एक मासूम छात्रा झाडू लेकर अपनी कक्षा को साफ कर रही है. लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल साहब को अपने पीछे का ये हाल दिखाई नहीं दे रहा. यह स्कूल है कानपुर देहात के डेरापुर ब्लाक का उच्च प्राथमिक विद्यालय यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी. वहां गुरु के सामने ही इन नौनिहालों के हाथ में झाडू पकड़ा दी गई है. अब इस बात का अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि यह हमारे कल के भविष्य हैं या स्कूल में पढ़ाने वाले प्रिंसिपल साहब इन बच्चों के भविष्य पर झाडू फेर रहे हैं.




बेखौफ दिखे मास्टर साहब
कानपुर देहात के अकबरपुर ब्लॉक तीसरे प्राइमरी स्कूल की स्थित भी कुछ वैसी ही है. यहां पर कक्षा के अंदर बच्चे सफाई कर रहे हैं और हैरान करने वाली बात यह है कि इस स्कूल में पढ़ाने वाले मास्टर साहब अपनी पतलून को ऊपर करते हुए एबीपी गंगा की टीम के सामने आते हैं और पूछ रहे हैं कि फोटो खींच गई. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर शिक्षा का स्तर कितना पढ़ रहा है. इन लोगों की नजर में अधिकारियों और शासन प्रशासन का डर कितना कम है. तभी तो बेखौफ होकर मास्टर साहब कैमरे के सामने बोल रहे हैं कि फोटो खींच गई.




हर रोज देर से आ रहे मास्टर
जिले के चौथे प्राथमिक स्कूल जो संदलपुर ब्लॉक में स्थित है. वहां पर भी विभागीय कमियों का अंबार लगा है. दरअसल यहां पर आए दिन एक ही शिकायत और मामला सामने आता है कि यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षक व शिक्षिकाएं शासन के द्वारा निर्धारित समय अवधि के तकरीबन एक से डेढ़ घंटे बाद इस विद्यालय का संचालन शुरू करते हैं. जब एबीपी न्यूज की टीम ने पहुंचकर हकीकत जानना चाहिए तो स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका अपने समय से तकरीबन 1 घंटे देर से विद्यालय पहुंची थी. जब हमने उनसे विद्यालय देर से पहुंचने का कारण जानना चाहा तो उन्होंने लंबी चौड़ी लंतरानी कहानी सुना डाली और खुद को ओवर स्मार्ट समझते हुए उन्होंने हम को बेवकूफ समझ लिया.


 


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